प्रज्ञा (द्वितीयो भाग) | Pragya Bhag-2
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
141
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about कृष्णचन्द्र त्रिपाठी - krishnachandra Tripathi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)। कतव्य - भारत के प्रत्यक नागरिक का यह कर्तव्य होगा किं वह -
संविधान का पालन करे और उसके आदशों, संस्थाओ , राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान
का आद्र करे,
स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदशों
को हृदय मे सजोए रखे और उनका पालन करे,
भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण बनाए
रखे,
(হা)
(ख)
(ग)
(ध)
(छ)
(च)
(छ)
(ज)
(भ्न)
(म)
देश की रक्षा करे और आहवान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे,
भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण
करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो,
एसी प्रधाओ का त्याग करे जो महिलाओं क सम्मान के विरुद्ध हो,
हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परपरा का महत्त्व समझे और उसका
परिरक्षण करे,
प्राकृतिक पर्यावरण क्री, जिसके अंतर्गत बन, झील, नदी और वन्य जीव हैं,
रक्षा करे और उस्रका सवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे,
वैतानिक दृष्टिकोण, मानववाद ओर ज्ञानार्जन तथा सुधार कौ भावना का
विकास करे.
सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे, और
व्यक्तिगत और सामृहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों मे उत्कर्ष की ओर बढ़ने
का सतत् प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की
नई ऊंचाष््यो की छू सक।
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