बाल भारती भाग 3 | Baal Bharti Part 3
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
93
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चोंच में दबाया और नदी के किनारे-किनारे उड़ने
लगा। कुछ ही दूर उसे मधुमक्खी दिखाई दी।
उसने पत्ता मधुमक्खी के बिलकुल अगे डाल
दिया। मधुमक्खी पत्ते पर चढ़ गई और डूबने से
बच गई।
कबूतर कुछ देर तक पत्ते के साथ-साथ
उड़ता रहा। उसने देखा कि मधुमक्खी तो बिलकुल
हिलती-डुलती नहीं। वह सोचने लगा- क्यों न मैं লি
यह पत्ता पेड़ के नीचे ले जाकर रख दूँ। उसने
पानी में अपनी चोंच बढ़ाई और पत्ता चोंच में दबाकर पेड़ के नीचे ले आया। कुछ देर तक वह इस बात
को प्रतीक्षा करता रहा कि मधुमक्खी हिलती-डुलती है या नहीं। मधुमक्खी कुछ हिलने लगी। वह धीरे-
धीरे पत्ते पर चलने भी लगी। उसने कबूतर कौ ओर देखा। कबूतर को विश्वास हो गया कि अब
मधुमक्खी बच जाएगी। मधुमक्खी धीरे-धीरे उड़कर अपने छत्ते मे चली गई ।
एक दिन एक शिकारी उधर
आया) वह नदी के किनारे घूम-घूमकर
चिडियो का शिकार करने लगा । उसके
भय से सभी पक्षी इधर-उधर उड़ने
लगे। जिस कबूतर ने मधुमक्खी को
बचाया था, वह भी उड़ता हुआ उसी
पेड़ के पास आ गया। डर के मारे वह
पेड़ के पत्तों में छिप गया। मधुमक्खी
ने उस कबूतर को देखा तो तुरंत
अपनी सहेलियों से कहा-- हमें किसी
भी तरह इस कबूतर की रक्षा करनी
चाहिए। उसकी बात सुनते ही कई
मधुमक्खियाँ छत्ते से निकल पड़ी।
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