हिन्दी के एतिहासिक उपन्यासों में इतिहास-प्रयोग | Hindi Ke Ethihasik Upanyaso Me Etihash Ka Prayog

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Hindi Ke Ethihasik Upanyaso Me Etihash Ka Prayog by गोविन्दजी प्रसाद - Govindji Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(5) इतिहास शब्द को জুল্যাতি नह विद्ातन शब्द को स्युल्पत्ति फिंदित कौतुइशौॉट्पादक हैं | गह शब्द तोन तष्य इति, इ, भाउ है प्रयोग है बना है जिशका अर्थ দ্য इड एकार মুলা | बतः ग्डतिहाएन् शब्द का पापान्य अर्द हलो विगत बहनाओी কা হাল! क्षौ १ इतिद्ाए डे चिद ग र्टरा ठष्यङा एपीम हता है गौ ग्रौक शब्द गहस्तपै पिपा { 2990249 ) ॐ ककोकरण ইং | মক भाजा मैं त्त्रा वर्ष है ्योजणाान गा गर्ग नग सै प्राप्त बागकारी' । किन्तू श्रारोग संस्कुतनता। त्तं वैषदविदाङ अथय ङा एवौन ककत रथै च्युत्य पतभ्य वर्ग हैं हो दं हुआ है | पदाभारतकार कै अः: (2.7 र वै, कव काम और मौक्ष से उन स्यित पूर्ववु८ औौर क्या हो दतिदास है । कौटिल्प ने सौ क्यछट कहा है कि राजा, ঘাতিরুত। জাপা শিকাও उदाददण, कलास वीर मर्वशास्त्र कब 1:17: ७ है | ।बरूज चुराणाकार मे তিন কী गिधक-दल्तु की कौर इकेत करते हुए लिशा है फि।- नज दि भहुण्याक्पान देव पर रितातपत्‌ | बात कनि हि डर वानज्यादू > कयुधू ।। है পচ गर्ल 1 क्ता 75 जाकर) दंतिदाश (7... - बाय, ११६३ ई७) তু ३ एन ४10 71210 891 074 ६128 (8 ॐ „क. ,, 8.) ; 8৮ 86 निक ति वा 3 वका (8 ककि ०8484०२), „~ न “^ ५, , कात्र ऋक कह ज | अ धकं कमह = त्वि क तर्क 1 (दाभारत) न 9 ७८ ७ ०+ कल जप णा गय ह * জারী | ६4 দর 2. নি कर्म জবার न गकु जैसी विदाव। है




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