कुरान | Kuran
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
90.13 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रारहम फ्री दीनिहिस्साध्काध्न् तरून् ॥ २३
यह (स्वार्थ) इस लिये कि, इनकी धारणा है कि, हमको
नक (दोज़ख़) की झाग छूयेगी सी नहीं । यदि छूयेगी भी, तो
केवल गिचती के कुछ दिन । और बढ़-बढ़ के बातें बनाते रहने
से इनको झपने दीन के सम्बन्ध में श्रम हो गया
(५) फू कयफा इजा जसझअ,नाहम लियउसिलला5
रय्बा फीहि व चुफ्फ़ियत् छुलल॒ नफ्सिम्मा5
दूर्दा
फिर उस दिन जिसके झागमन में तनिक भी सन्देह
नहीं (इनकी; कसी (गति) बनेगी । जब कि, हस इनको (झपने
समझते लेखा देने के लिये) एकत्रित करेंगे शऔर प्रत्येक पुरुष
को, जैसा उसने (संसार में) कर्म किया है, पूरा २ प्रतिफल
दिया जायगा छौर लोगों (का झधिकार झपहरण करके, उन;
पर न किया जायगा |
फेशम्बर से न्याय करावें । जब मुहम्मदला ० ने कुगन श्र तौरेते के श्रनुसार
छसे संगसार करनेकी आज्ञा दी तो यहूदियोंने कहा कि
साहब ने कहा कि तौरेत लाओो । तौरेत दिखाई गई, परन्तु पे
सा०की इम्मी अपठित) समझ कर संगसारी की झाज्ञाको हाथ से छिपा
यह सोचकर कि किसी प्रकार इसे संगसारी से बचा लें कहा कि. चलो नये
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