नई कहानी में मानव मूल्यों के विविध सन्दर्भ | Nai Kahaani Me Maanav Mulyon Ke Vividh Sandarbh

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Nai Kahaani Me Maanav Mulyon Ke Vividh Sandarbh  by उषा श्रीवास्तव - Usha Srivastava

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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13 एप्त करना है, यही जीवन की सार्थक्ता' है। इसी लिये मनृष्य जीवन की सार्थता 8 इती लिये मनध्य जीवन के তিক तिपि परषां आयक बारतीय फिंकोँ के अन्तार धर्म प्रथम पशमार्थ है। इते भारतीय 'पितकाँ ने तवाध्कि महल्व प्रदान किया हे तथा इले उन्य तीन परस्मा के ताथ तंयक्त किया है। धर्म के अनाव चै गेत पुसां अवात्‌ अकाम হাঁ मोक्ष की कोई কিনি হা सत्ति नहीं है, यह तत्य ही है। यह সমু धातु त निष्पन्न दै चित्क अथं दारण करन, बनाये रखना' एस पष्ट करन वोता है। यह एक महत्वपूर्ण अग है फो पीके के रिन्त को निक करत है। इसके आधचरश से मनध्य দল वाक्य याताजं' की पूर्ति के तन्‍्दर्ज में है। আগ গাছ অনু न ही' दान




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