प्रतिमा | Pratima

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Pratima by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रू भाँति हुवा में और ज्षमीन पर तोन वार कलावाज़ियाँ खाई श्रौर चुप पढ़ें रहे । गाय की लात से उड़ कर वाल्टी बिद्रा की माँ की टाँग पर लगी श्रीर वह हाय कर को बेठ रहों । बच्चे रोतेचिल्लाते भागे, ऊपर से चुन्नू को माँ ने श्रच्छो तरह उन को धुलाई की । घ्रव विध्या बाबू के घर ग्वाला दूध दे जाता हु । जनक टू जन जनक




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