संतवाणी | Santvani

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Santvani by कन्हैया लाल सेठिया - Kanhaiyalal Sethiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रे. दे१९- ३१३. ३१४. ३१५. दे१६ रे१७ २१८. ३१९. ३२०. ३२१. ३२२. ३२३. ३२४. ३२४. ३२६. ३२७. दे२€. दे३०- ३३१ मोती जावंक नान्ही कांकरी बडा हुव॑ वां ने नहीं अ्पग हुवे सत कद मंडे कर नहीं ज्यूं रूप ने मुगती रो गेलो नहीं बाथ घाल लो सबंद र. चावे देणी साच पर ममता ने समता बणा घणो गहन आतम धरम हेला मारे मजल ने मु्गंती इंदे जीव जे ममता त्याग पण हुव हुवे न जिण र हेत में नहीं तृतड़ मे घल जुड़ नहों ज्यूं रुख स्यू हम कांचली तावड़ी आड़ावल माथे मुगंट माथे अंम्बर मोलिये रव कुअ र॑ मांय ने रात डावड़ी' बगत रो देस नहीं मरुदेस सो पांच महाब्रत अहिसा सत्य अपरिग्रह अस्तेय ब्रह्मचय्ये सीपी एक सो चार एक सो पाच एक सौ छह एक सो सात एक सो आठ एक सौ नो एक सी दस शी एक सौ ग्यारह एक सो पद्रह एक सौ सोलह एक सो सतर एक सौ अठार एक सौ उगनीस




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