रियासतों का सवाल | Riyasto Ka Saval

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६ रियासतों का सबाल के नरेश सिख हैं । सन्‌ १६३३ में खेरपुर को भी इन्दं के साथ इस एजेन्सी में जोड़ दिया गया हे | राजपूताना स्टैर्‌स पजेन्सी का सदर मुक्राम माउण्ट श्राबू पर रवखा गया है । बीकानेर श्रौर सिरोही इनके सीधे मातहत हैं । इनके लावा बाईस दूसरी रियासतें हैं, जो जयपुर के रेजिडेन्ट, मेवाड़ के रेजिडेन्ट, दक्षिणी राजपूताना स्टेट्स के पोलिटिकल ए.जन्ट, पूर्वी राजपूता ना स्टेट्स के एजेन्ट श्रौर पश्चिमी राजपूताना स्टेट्स के रेजिडेन्ट के मातहत कर दी गई हैं । इनमें से टॉक श्रौर पालनपूर के शासक मुस्लिम हैं श्रौर भरतपुर तथा धौलपुर कै नरेश जाट है । शेष मै उदयपुर, जयपुर, जोधपुर श्रौर बीकानेर प्रधान राजपूत राज्य हैं । बेस्टन इण्डिया स्टेट्स पजेन्सी का निर्माण सन्‌ १६२४ में किया गया । तब से काठियावाड़ की रियासतें, तथा कच्छ श्रीर पालनपुर की एजेन्तियों को बम्बई के मातहत से हटाकर गवर्नर जनरल के मातहत रख दिया गया | मद्दीकाँठा एजेन्सी को भी सन्‌ १४३३ में इनके साथ जोड़ दिया गया । इनका पजेन्ट राजकोट में रहता है, जिसके मातहत, साबरकठा, तथा पूर्वी और पश्चिमी काठियावाड़ के पोलिटिकल पजेन्ट्स काम करते हैं । इन सबके मातदत कुल मिलाकर कच्छु, जूनागढ़, नवानगर, श्र भावनगर सहित, सोलह सलामी के हकदार नरेशों की श्र दो सौ छत्तीस रियासतें या जागीरें- छोटी हैं, जिनके शासकों को सलामी का हक नहीं है । इनके झलावा भी प्रान्तीय सरकारों के मातत कुं रियासते रह गई हैँ । उदाहरणाथ- श्रासाम में - मणिपुर तथा खासी श्र जणिटिया की १६ पहाड़ी रियासतें । क बंगाल में --कूच बिहार श्रौर भिपुरा पंजाब में--शिमला की पहाड़ियों की श्रठारद छोटी रियासरें जिनमें सबसे बड़ी बशर है ।




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