ग्रंथ नामावलिः | Granth-namavali-1(2459)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
173
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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द्रव्य संग्रह-टीका त्रह्मदेवविरचिता.
>< (ज. ४१क्र. ६६) सं. प. ४५ ले. १५५१, वि. १६४६ श.
श्लो. ३०००.
(ज. ४२ क्र. ४) सं. पर. १२० श्लो. ३०००.
नयचक्र देवसेननिर्मितं.
( ज. ४३ क. ३४६ ) प्रा. प. >३ ले. १८८६ सर्टिप्पणक.
( ज. ४४ क्र, ३५० ) प्रा. प. ४६ न +
पच-सप्रह.
(ज ४५ क्र. ३५१) प्रा प. १०६ ल. १५८४.
पचाध्यायी.
(ज. ४६ कर. ३५० ) स प ८५ श्लो. १६५५, ले. १७४८.
लन्धिसार-टीका नेमिचन्द्रविरचिता,
( ज. ४५ क्र. ३५२ ) स. प. ६६ अपृणा.
सिद्धान्तसार-दीपकः सकलकीर्तिप्रथित
(ज. ४८ क्र. २५१ ) सं. प. ००२ श्लो ५१६
(ज ४६ ऋ. ३५५४) स प १६० लं. १८९५ वि.
१६८२ श.
> (ज. ५० क्र ३५६) स प २०६ ले. १८३१ वि,
६६६६ श.
(ज ५१क्र. १३) सं प २४६ लं. १८८७
सिद्धान्त-गाथोद्धारः
(ज भरकर. ३६६१) प्रा प. ५७
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