स्त्री सुविचार माला | Stri Suvichar Mala

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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~~ == (नीम मीम 11111111, 11 1,111.11 111. 1१171 हदयकमी करना रै यह उनका कथन अविचार युक्र है क्योकि गृह संसार भी एक प्रकार का राज्य दही है जिसकी स॒व्यवस्था रखने के का ही गृहिणी गदृखामिनी इत्यादि प पूव की सियो के कथन सुनते र तो हरएक के साथ ६४ कला की जाएकार का विशेषण दिखाई देता है. जिसमें अनेक प्रकार की विद्या है इसपर से सिद्ध होता हैं कि पूवी सिय विद्याभ्यास करती थी वास्ते तुमको भी चाहिये कि ज्यादा नहीं बने तो भी (क) सामान्य तोर से लिखना और पढ़ना अच्छी तरह कर सके इतना तो अभ्यास अवश्य करो (ख) नीति के अनेक ग्रन्थ विद्वानोंके रचे हुवे हैं उनको भी पढ़ना जरूरी है जिससे अनेक प्रकार के अन॒भव मिले, दगणं दूर हो भ्रोर धर्म कम तरफ प्रीति बढ़े (ग) आजकल बहुत पुस्तकें ऐसी प्रचलित होगड हैं जिनके पढ़ने से उद्धता प्राप्त




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