प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ | Premi - Abhinandan - Granth

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Premi - Abhinandan - Granth by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डा० बायुदेवणरण श्रग्रवाल प० बनारसीदास चतुर्वेदी श्री जैनेन्द्रकूमार यशपाल जैन वी° एण, एल-एल० वी ० स० सि० वन्यकूमार जन महात्मा भगवानदीन जी १० माखनलाल चतुर्वेदी प्रो० हीरालाल जैन श्रीमती सत्यवती मल्लिक डा० रामकपार वर्मा प० कंलागचद्र जेन सिद्धान्तगास्त्री [ तेरह अध्यक्ष उपाध्यक्ष [, मत्री सयुक्त मत्री सदस्य ग्रथ के निम्ननिख्ति श्रठारहु विभाग रके गये तथा' उनके सम्पादन का भार विभागों के सामने उल्लिखित विद्वानों को उनकी श्रनूमति लेकर सौपा गया विभाग १. सस्मरण श्रौर जोवनी-- २. भारतीय सस्कृति-- ३. जेन-दर्न-- ४. सस्कृत श्रीर प्राकृत-साहित्य-- ५ भापा-विज्ञान-- ६ कला-~ ७ पुरातत्व-- [ 5. हिन्दी-साहित्य (गय )-- सम्पादक प० वनारमीदास चतुर्वेदी (मयोजक) थी जैनेन्द्रकूमार दा० सुनीतिकुमार चादुर्ज्या (सयोजक) थी भदन्त श्रानन्द कौसल्यायन डा० वेनीप्रसाद प्रो° दलसुख मालवणिया (मयोजक) मुनि जिनविजयजी १० सुखलाल सवी प० महेन्रकमार न्यायाचार्यं डा० दीरालाल जन (सयोजक) डॉ० जगदीदाचन्द्र द्यास्त्री प० वेचरदास दोष्री डा० सुनीतिकुमार 'ादुर्ज्या (सयोजक ) डा० मगलदेव गास्त्री श्राचायं पद्मनारायण श्री जयभगवान जन डा० वेनीप्रसाद डा० वासुदेवजरण श्रग्रवाल (्रयोजक) डा० मोतीचन्द्र श्राचार्यं हज्रारीप्रसाद द्विवेदी (सयोजक) श्री पदुमसाल पृन्नालाल वख्नी श्री रामचन्द्र वर्मा




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