उन्नित-सोपान | Unnati - Sopan

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Unnati - Sopan by उद्धवराम गौतम - Uddhvram Gautam

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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॥ | ॐ स उन्ञात+सापान =-= [ब्‌ = [त ( ही “अ पि] ह 4 न्भ्य ~ प 2 प - सर एकता । संघेशक्ति: कलौयुगे । यदम्‌ सहनाववतु सदनौशरुनक््‌,, सहवीर्यं करवाव है तेजस्विनावधीत मस्तु माघिद्धिषा वरै :-- ( षेद ) है जगदीश्वर, हम दोनों स्त्री पुरुप अपनी रक्षा आप करे ! हम दोनों प्रिठकर इस पृथ्वीका उपभोग करें, मिलकर अपना पसक्रम करें, अपनी तेजः शक्ति छगावे' । हम कभी भापस षन करें | खषटि दी समष्टि रूपा है । मचुष्यका शरीर सम्मिरित रूप ३ { यदि सुष्टिसे पश्न तत्वों को अलग कर दें तो खुष्टिका यह रुप ही




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