अन्गादार्श | Angadarsh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12.24 MB
कुल पष्ठ :
77
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)लि विवि. अत
( १४ )
| च्यों उड शंकल रंगजपाल सभा बिजरी पर आ
| निकखो है ॥ ३८ ॥
पृष्ठ बणन सवेया ।
|... सोवत आजु सखी सुख सेज अनोखो लखी
' अरी प्यारी कि पृष्टि है । चारु महाचिलकारों
| अनूप सचिक्कन सोहै लपेंटति दृष्टि है ॥ रंगजू
| पाल सनोहरता सुकमारता सुन्दरताई कि
सखष्टि है । डाठक पड़िका कौ उपमा नि शोभ
लहैं कदलोदल लष्टि है ॥ ४० ॥
कराठ बखणन कबित्त |
|. देखि बर कंठहि कपोत कॉहखाई करे बारि-
निधि बूड़े कम्ब हिय लाज आइे हैं । सन हरि
लौनो है सुभायन गोविन्द जू को जामें पीक
लौक ठीक परति दिखा है ॥ रंगपाल भने
| स्वच्छ रेख चय अनूप राजे आय के अरी ज्यों
| तीन लोक की निकाई है । स्थाम खेत अरुण
मणिन के विभुषण त्यों मानो राग रागिनौ स
| राग छबि छा हैं ॥ ४० ॥..
ही इक
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