भारत का आर्थिक एवं वाणिज्य भूगोल | Bharat Ka Arthik Avam Vanijya Bhugol

Bharat Ka Arthik Avam Vanijya Bhugol by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शारतवपं कौ मोगोनिक स्थिति भोर विस्तार 9 भारतवपं का अत्यन्त श्रेप्ठ वन्दरगाह था, पाकिस्तान मे चला गया । कर्राची शुरोप से निकट्तम पढ़ता था । विभाजन कै पवात्‌ कराची से होने वाला व्यापार वम्बई मे होने लमा भौर काँदला फे विकास का प्रयह्न किया गया। समुद्री मार्गों के द्वारा अब मध्य-पूर्वोय देश भी कुछ दूर हो गये हैं । विभाजन कै पूवं स्यत मागं दवारा भारतवपं का व्यापार, विशेषकर पुर्ननियति व्यापार, अफगानिस्तान गीर ईरान के साय होता था परन्तु अब बीचमे पमी पाकिस्तान हो जाने पर बह व्यापार लगभग समाप्त हो गया है । (2) प्राकृतिक सीमा कुछ कम हो गर्द है--भारतवपं ओर पारिस्तान के वीच मे, कुछ भागों को छोड़कर जहां युद्ध नदियां सीमा वनाती है, सीमा कृप्तिम हो गई है। पाबिस्तान और भारत के बीच कुछ वैमनस्य का भव होने के कारण सीमा पर स्थित क्षेत्रो के व्यापार और वाणिज्य पर रा प्रमाय पडा है । (3) बगाल का समुद्री तद ओर मछनी मारने के महत्वपूर्ण क्षेत्र पाकिस्तान में चले गये हैं । (4) सिंचाई और नौकानयन की दृष्टि मे क्षत्यन्त महत्वपूर्ण कुछ नदियो का उपरी भाग भारतवपं में और निचला भाग पाकिस्तान में गया है । इसके कारण एक अवाछनीय भगदा उठ खड़ा हुआ था । (5) भारतवर्ष के बिदेशी व्यापार के स्वभाव और उसके परिणाम में कुछ भग्तर हो गया है । विभाजन के पूर्व होने वाला व्यापार देथी व्यापार था, वही विभाजन के पश्चात्‌ भाग्तवर्ष और पाकिस्तान के बीच होने वाला व्यापार विदेशी व्यापार बहलाने लगा और इस प्रकार विदेशी व्यापार के आँवरे बढ़े हुए दिखाई देने लगे । स्वभाव में यह अन्तर हुआ कि जवि ट्भाजन के पूवं भारतवपं पर्वे बूट, कषाम भौर खायान्नों का निर्यात करता धा, विभाजन के पश्चात्‌ ये पदार्थ उगाने बाले अधिकता के क्षेत्र (४9105 ८05) पामिस्तान में चले जाने मे भारतवर्ष को इन पदार्थों का आयात करना पटा 1 (6) कृषि भौर उद्योगों के ऊपर गम्भीर प्रभाव पड़ा । इसके लिये इस पुस्तक के पृथक अध्याय देखिये । (7) विभाजन के साथ-साय जनसख्या कौ भदला-वदली के कारण




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