संगीत हकीकतराय | Sangeet Hakikatray

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sangeet Hakikatray by यशवन्तसिंह वर्मा - Yashwant Singh Verma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about यशवन्तसिंह वर्मा - Yashwant Singh Verma

Add Infomation AboutYashwant Singh Verma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पहला दृश्य श19 एुनाभो । ( एक लड़के को इशारा करके ) प्रम्ताज श्रती, वता यह स्या रप्न्‌ है । एम्ताजग्ररी- नपा मियां जौ । मुन्ला--मबे जो मेरी दो उ गलियों के दर्मियान है । पम्ताजञली--दायें दाथ की उ'गलियों के या ब्रं हाथ की | -ग्रवे उन्लु, जो हाथ मेरा क्षितव पर दे उसकी उ'गलियों के दर्मियान | एम्गजग्रली-( यत्रा के हाथ की उ गलियां टोल कर मिया जी | झापके दाथ की उ'गलियों फे दर्भियान्‌ तो कोई लफ्ज नहीं । पह्ठा-अबे गधे मेरी उ गलियों के दर्ियान हाव पर जो लफ़्ज है वह वता | घुम्ताजश्रली--मियांजी यह किताब किस की दे । पुन्ला--फरमईलादी को । मुम्ताजझली --तो मियां जी जिसको किता है उपी से पये, दूसरे श्रिता फे लपनं का पते क्या पता एद्ा-(धक्ा देकर) चल नालायफ द्र हो । नूरडधीन तू लरदरीन श्या शशाद है । इन्ला--तुझे कंस का संदक याद है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now