शुद्धि सनातन है | Shuddhi Sanatan Hai
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शुद्धि सनादन है १५
धर्म नहीं अधर्म है, उसका नादा दो जाना दी जनता के दिये
शेयरकर है । पणाद ने धर्म का लक्षण बतलाया है:?--यति$-
भयुदयनिः शरेयस सिद्धिः सघमेः-जिससे प्ख सेक म उक्षति
तथा मरने के वाद मुक्ति प्राप्त दो वद्दी धर्म है । मैं दतछो चुका
हक वर्तमान रूढि भूक धमे के फरण दिन्दुओ की सख्या
भारत र ११ करोड़ घट गर, इखसे सिद्ध हेता ह &ि वतमान
घर्प अघर्म का जामा पदन कर जनता में फैला हुआ है । उन्नति
के स्थान में हास हुआ | इमारा राजनैतिक पतन तो यहाँ तक
हा कि दम पुखाम वन गये । फिर वतमान हिनु धर्म, अधम
नही ता फथा है १ जि घ फे नाम पर पक पक वपे की रुड
कियाँ रॉड़ वैठो हे, जिस धर्म के नाम पर ५. दर्ष तक की १५
हजार चिधवायें मोजूद हें, वदद धर्म क्या धर्म नहीं है!
जिस धर्म के नाम पर करोड़ों पशु प्रत्येक वर्ष देवी देवताओं को
च्छि दिये जति है, षदं धर्मं यदि घर्म का जाय ते अथ
किसका नाम देगा १ जि धम म ६०६० वर्पके वृद्ध दृश दश्च
च दी कन्या चे विवाहे कर षह घमे अघ्मका वाप है या नदो १
किवम गिनाङ्ख, घर्वमान दिन्दू' धर्म कोई धर्म नहीं है, उसने
अधरमे का जामा पदन कर देश का सर्वनाश कर डाला है।
देखे दी घर्म के पोपक्त हमारे अनेक संनातनी हिन्दू भाई शुद्धि
के नाम से दिचकते हैं और इस प्रथा को जातिश्नंदाकारी बेदू-
शास्रपुरणेतिदाल तथा शिष्टाचार के [विरुद समझकर अधमं
छते है! परर क्या सत्यतः छोगे का घिचार ठीक है १ कया
इससे चर्णसंकरता पैदा हाती है? कया शुद्धि बेद शाख्र विरुद्ध
है? क्या यद्द पुराणेतिद्दास के अजुकूछ नदी हैं. ? क्या लोका
चार सिष्टांचार के विरुद्ध दै ? अथवा लाफाचार से अजुमोदित
न देने से चेद-शाख्र के अदुकुछ दाने पर थो शुद्धि त्याज्य है
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