भगवद्गीता [प्रथम अध्याय] | Bhgwadgita [Pratham Adhyay]
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
92
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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संमय नी था लव मे मैं था ने तुम थे, न पिसा कोई समय `
था लव ये राना लोग ने थे पीर न आगासि ऐसा कोई
समय छोगा जघ हम लोग ने होंगे | इस टेए में रघनेवालि
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धन्द्ियां शरीरः उनके चिपयों से परश्पर संयोग से सुख दुःख
श्वादः क्ता जान ्टोता रे चीर पै अनित्य ईखनकी उत्पत्ति
श्वीर स्तय इा लो करती ईद उनका विचकार तुम को
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घोर पुरुष को सख भौर दुः समान रु शरीर वषो अमरत्व
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सत्य है उसयार नाथ नछीं हो सका और लो असत दे
ध्र्यातू लिसमें फु सत्व नदीं उसकी स्थिति नदीं हो
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सम युद्ध करो । जी इसे को मारंनेवाला समभत हैं और
लो इस को सरमेवाला समझते हैं दोनों सूलते हैं, न यह
सारता है न.मारा जाता है -इचका' न नस्म 'छोता इ थे
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