था मंदिर , है मधुशाला | Tha Mandir Hai Madhusala
श्रेणी : काव्य / Poetry
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
516 KB
कुल पष्ठ :
81
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गब्बर और गुरु घंटाल बनकर,
गम्मन करो मेरी विवक्षता का,
निवंलता कुकर उपहास करो,
मेरी जिह्वा कमी जडता का,
पर सुना दूंगा हर एक. कहानी,
देखना जव जाग जाऊंगा मैं ।
सो रहा हूं में रातत बीत जाने दो,
अब नव प्रभात भानै दो,
छाऊगा प्रचण्ड परिवर्तन जग मैं,
देखना जब जाग जाऊ्गामै।
या मदिर है मघुशाला | 13
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