आगम तीर्थ | Aagam Teerth

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Aagam Teerth by हरिरामचार्य - Hariramacharya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about हरिरामचार्य - Hariramacharya

Add Infomation AboutHariramacharya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
गम नमन हमारा भ्रिहन्तो को, जो जग के सब ताप मिटाते । जिनकी पावन चरण-धूलि से, पग-पग पर तीरथ बन जाते ॥ नमन हमारा सिद्धजनो को, तोड चुके जो भव की कारा । जिनके सूयें-सदुश नयनो से, बहती है करुणा की चारा ४ नमन हमारा आाचार्यों को, विश्व-वस्द्य जो झराचरणो से । सहज युक्ति लिपटी रहती है, जिनके मगलमय चररो से ॥। फिर है नमन उपाध्यायो को, जो जग मे निग्रन्थ कहाते।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now