आगम तीर्थ | Aagam Teerth
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
181
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गम
नमन हमारा भ्रिहन्तो को,
जो जग के सब ताप मिटाते ।
जिनकी पावन चरण-धूलि से,
पग-पग पर तीरथ बन जाते ॥
नमन हमारा सिद्धजनो को,
तोड चुके जो भव की कारा ।
जिनके सूयें-सदुश नयनो से,
बहती है करुणा की चारा ४
नमन हमारा आाचार्यों को,
विश्व-वस्द्य जो झराचरणो से ।
सहज युक्ति लिपटी रहती है,
जिनके मगलमय चररो से ॥।
फिर है नमन उपाध्यायो को,
जो जग मे निग्रन्थ कहाते।
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