भगवंतराय खींची और उनके मंडल के कवि | Bhagvantray Khichi Aur Unke Mandal Ke Kavi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
298
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय-सूची
प्रथम श्रल्याय
पृष्ठभूमि द
, विपय.प्रवेण - मण्डल शब्द का म्र श्रौर प्रवंव मे इसकी सार्धकता--
साहित्यिक मंडल--राजनीतिक मंडल-राजनीतिक मंडल का विस्तार--
-(वुव्लयंड) सीमा-- वुंदेनखण्ड का भौगोलिक परिचय दोग्राव ्रतर्वेद)
का भौगोलिक परिचय निवासी-मंडल की बोलियाँ--मंडल की
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (ग्रत्तीतकाल से राजनैतिक चेतना का प्रवाह्)-
मगवंतराय क समय की. रेततिहासिक स्थिति (ग्रौरंगजेव की गासन-नीति श्रौर
उसकी प्रतिक्रिया ) -हिंन्दुग्रों में देगव्यापी जाएति--सांस्क्रतिक पृष्ठ भूमि--मसंडल
मे मध्य देव की सार्वकालिक मान्यता--भगवंतराय के समय में मध्य देग की
मान्यता के प्रति जागरूकता--मध्यदेग महाकाव्यों श्रौर महापुरुषों का लीला-
स्थल रहा है--सामाजिक स्थितति--गाँव श्रौर नगर में दूरी --भगवंत राय ग्राम-
संस्कृति के नायक थे--गाँवों का जीवन-स्रोत सूखा नहीं था--घामिक परि-
स्थिति--हिन्दू-मुसलमानों में स्वाभाविक तनातनी-- हिन्दुओं में प्रतिक्रिया के
चिह्न--वीरभाव की हनुमत उपासना का प्रचार -साहित्यें श्रौर साहित्यकार
की परिस्थितियाँ--रीतिकाल की प्रथम शताब्दी दुसरी गताब्दी से उत्करं
थी--रीतिकाल का कवि सही मार्ग के लिए छटपटाता रहा (जैसे देव )--राष्ट्रीय
जाग्रति का कत्रि ने नेतृत्व किया--प्रकृति--मंडल की प्रकृति, कवि की श्रमुभूति
उसको श्रमिव्यव्ति में सहायक है--संगीत--सगीत की परम्परा--मुस्लिम
संसग की संगीत-क्षेत्र में प्रतिक्रिया --संगीत-श्षेत्र की तीन पेटियाँ ।
ह्विंतोय श्रच्याय
(भगयंतराय का चंश्ञ-परिचय श्रौर जीवनी) ४५--७४
वम-परिचय--खीची, चोहानो की एक भखा--भगवंतराय के पूर्वजे
गागरोण राजवंश के थे--गजसिह ने श्रसोथर बंध की नींव डाली--भगवंत राय
के पूर्वजों का वृत्त--भगवंत राय की जीवनी--जन्मकाल का श्रनुमान--पिता की
आर्थिक स्थिति--प्रारम्भिक संभावनाएँं--घिक्षा-दी क्षा--प्रामाणिक जीवनी --
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