श्री महाबल मलया सुंदरीनों रास | Shri Mahabal Malaya Shundarino Ras
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
340
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५५२.)
षटावीने, तुं खोवे कां निज ठास रे ॥ कडा सुणिया
शाद् शिरोमणी, ए करतां चमा काम २ ॥ मो ०॥ २०॥
फिट लाजे नदीं कां बातो, अण्डुंति एम गमार
रे ॥जो दोस हाये राउल जनणी, तो ज वीर्ये
ए चार रे ॥ मोण्॥ ११ ॥ अति काठो उत्तर इस दी
च॑, शेवें करी कपट जिवार रे ॥ ते पंथिक निरास प
णा थद्, कोप्यो अति जोर तिवार रे ॥मो० ॥ १९॥
कांड साच सीखामणए यं इवे, एम बोल्यो तेणीवार
रे ॥ एक विया गोमी धं, ते धन्या घरने बार रे ॥
॥ मो ०॥ २३ ॥ तव संघे संधे बंधित थया, न खिसे
स्यांयी तिल मात रे ॥ बिहु चित्र लिखित परं थिर
रद्या, मन मादे घण अठुलात रे ॥ मो०॥ १४ ॥ तेद्
ऊर्वी चचव्यो परदे रियो, ःखजाल बंधाण वेद् रे॥
ष्टां चा ढाल सोहामणी, एम कांतिविजय कदी
पढ़ रे ॥ सोण्॥ रेप ॥ |
॥ दोहा शोरवी ॥
॥ तत त रोठ, बेह ऊना बारणे ॥ देवे दीधी
वेठ, पेट पीस करी ॥ २॥ व्या लोक
नेक, थ्न जिशा थिर देखीने \उेत रथि ठ ठक; एम
बोले अचरिज नरया ॥ ९ ॥ सुणएतां खोक सुजाणए ॥
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