तिलिस्माती मुँदरी या कश्मीर के राजा की लड़की | Tilismati Mundari Ya Kashmir Ke Raja Ki Ladki

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Tilismati Mundari Ya Kashmir Ke Raja Ki Ladki by श्रीधर पाठक - Shreedhar Pathak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1 1 । 4 लिन कल कि ५ कं ४ ( ॥ = {, 1 1 ॑ तिलिस्माती खदरी १३ रारे कौप राजा की लडकी का दुश्मन के कृन्जञे मं साना शं चाहते थे, मगर मुंदरी के ज़ादू के आगे बेकाबू थे | इसलिये उन्हें कबूल करना पड़ा कि लड़की पास ही है! सिपाही ने लडकी के झट ढूंढ कर पकंड़ लिया, और उसके रोने और चिल्लाने पर कुढ़ भी ध्यान न दे, रास्ते में घसीटता , इश्रा ले चला । तीनों चिड़ियां बेचारी ग़मगीन झावाज़ करती हुईं पीछे २ साथ हुई । थोड़े असं मं वह मोल के किनारे पईुंचे । उसमें इस वक्त थक कश्ती पड़ी थी । सिपा ने राजा की लड़की के उसमें ज़बरदस्ती बैठा दिया शोर झाप भी चढ़ लिया । ताता भी किसी तौर से नाव में घुस गया ौर एक तख्ते के नीचे छिप रहा । सिपाही ने नाव का खेना शुरू किया, काए ऊपर उड़ते चले | बह खब महल के पोछे की खिड़की पर जा उतरे जिसका दर्वाज़ा सिपाही के खटखटाने पर बब्बू गुलाम ने फ़ौरन खल दिया । गुलाम राजा कीं लडकी का दाति निकाल कर इरी तरह देखने लग अौर रानी दी के कमरे में से गया । चिड़ियाँ महल के बायचे में छिप रहीं । रानी ने सिपाही के वादा किया हुआ इनाम दिया आर से कहा कि लड़की के उसके कमरे में बन्द करके दरवाज़ो और खिड़कियेां के सामने पहरा बैठा दे ताकि लडकी फिर न भाग जावे । फिर वह सिपाही से पूछने लगी कि उसने लड़की का कैसे पाया, सिपाही ने, जिस तरह उसे .. जंगल में जादू की झंयूठी मिली थी जिसके ज़रिये से वह 'चिड़ियें की बोलीं समझने लगा था और जिस तरह उन्हीं चिडियें से लड़की का पता लगा था, सब सुना दिया ।




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