कुते की दुम | Kutte Ki Dum

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Kutte Ki Dum by डोक्टर र० श० केलकर - Docter R. S. Kelkar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वच्चोको लेकर होनेवाले पड़ोसियोंके झगडोंमें उनकी ओोरसे मर-मिटनेके लिए तैयार रहता हूँ औौर न उनके वच्चोके कारनामोके लम्बे-चौड़े और सरस व्णनसे मुझमें रस-सिंप्पत्ति होती है । अत: मुझमें रस उत्पन्न करने- के लिए लुक-छिपकर वे नित्य नये प्रयत्न किया करते है ताकि और नहीं तो कमसे कम वोर रस ही भुझमें उत्पन्न हो - जैसे सब्जीके छिलके दरवाज़ेके सामने डालना, सुबह-शाम ज़ोरसे रेडियो बजाना, अपने वच्चोसे लड़नेके लिए प्रोत्साहित करना, सुबह वाहर पड़ा हुआ मेरा अखबार गायब कर देना आदि-आदि । इन अनेक दृष्टियोसे पाठकोके सम्मुख मेरा ठीक-ठीक चित्र न खिंच पाया हो तो वे कृपया अपनी दृष्ट्सि उसमें फेर-फार कर लें ताकि वह अधिक सुस्पष्ट बन सके । यकीन जानिए मुझे ज़रा भी आपत्ति चनहो होगी । ओरोंकी दष्टिमें--मैं




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