भारत की भौगोलिक समीक्षा | Bharat Ki Bhogolik Samiksha
श्रेणी : भूगोल / Geography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
592
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अधिय दर्पो वाले भागों मं छरें प्राय ढालू रखते हैं तावि पानी सुगमता से बहू जाने 1
मस्स्थला मे गम जलवायु के वारण मनुष्य तम्दू मे रहते हैं ।
(४५) जलवायु जौर दस्त्र--ण्डे जलवायु म॒नोग कम हुएु वषड अधिक
पसनद क्रते है! वहा ऊनी कपडे सया जानवरावौ कारें मधिकं प्रिय वस्त्र हाते हैं ।
क्तु गमप्रदेणाम मनुष्य सूती अथवा रेणमो ठस््र ही पहनने हैं और साथ ही
कीले वस्ण अधिक पसद वरत है १
(५) जलवायु और भोजन--जलवायु मनुष्य के भोजन को भी प्रभावित
किय बिना नहीं रहना । जिन प्रदेशा का जलवायु ठण्डा है वहाँ क॑ मनुष्य प्राय
मॉसाहारी हांते हैं । एसे प्रदेशों मे मनुष्य माँस, मछली, अण्डे, चाय, कॉफी आदि
गम पदाय हौ अधिक पसद कर्ते हँ) इमवं विपरीत गम जलवायु वाले भागा में
मनुष्य की सचि प्ल्, दूध, दही, शदत आदि को भोर दिशप रूप से होती है ।
(१) जलवायु और माग--आवागमन क मार्गों को भी जलवायु निर्या श्रत
बरती है । श्लुवो मे जलवायु के कारण हौ वफ जमी रहती है, अत वहा पक्की
सड़कें अथवा पहिएदार गाडियो वा संवथा अभाव है । जाडो के दिनों में अनव दरें
तथा समुद्र जम जाते ह. जिसके फलस्वरूप आवागमन व॑ माग बद हो जाते हैं ।
रेनिम्तानो भागा म भी सडक नही वन सक्ती, रेला वा उपयोग नहीं हा सकता,
केवल ऊँट ही यातायात का साधन होता है । अधिक वा वाले भागों मे कच्ची सड़कें
“यय हो जाती हूँ व कभीनकभी रेल की पटरियां भी टूट जाती हैं । आधी व अधिक
वर्पा म हवाई जहाज नही उडते है । पहन पानी बे तराज हवा फं प्रभाव स ही चलने
थे मत जलवायु मार्गों तथा यातायात के साधन) का प्रभावित करतीहै।
(क) जलवापधु मौर उदोग--वसे ता जलवायु प्रत्यक उचोयक। क्सीन
किसी रुप म प्रभावित वरती है क्तु कुछ उद्योग--विशषत मूता वस्त्र उद्योग
क्ल्मि उद्योग, कपि उद्याग, फूल उद्याग आदि--जलवायु पर निभर हॉत हैं ।
मंनचस्टर, वम्बई तथा अहमदाबाद म सूती वस्त्र उद्योग कलिफोनिया सम फ्ल्म
उद्योग जसवायु के कारण ही स्थापित किये गय थे ।
(>) जलबापु ओर व्यापार--जलवायु का व्यापार पर मी अधिक प्रभाव
पडता है 1 यह हम जानते है कि जलवायु पर कपि पदाथ, वन पदाय गौर् प्शु-पदाव
अवलम्वित रहते हैं । अत अनुदूल जलवायु म ये वस्तुं प्रचुर मात्राम होती हूँ गौर
मम क्षेत्राभ इनको बसी रहती है । इस तरह प्रचुरता वाले क्षेत्र से कमी वाले
क्षेत्रा म वस्तुमो का नियति कर् दिया जाता है । ~ ~
(0) जलवायु ओर शारीरिक तथा मानसिक विकास--मनुप्य व शारीरिक
और, मानसिक विकास पर भी जलवायु प्रभाव डालती है । ठण्डे प्रदेश! के मनुष्य)
की कामक्षमता अधिक होतो है बौर गम प्रदेशा के मनुप्य की कमे 1 उष्ण, आदर तथा
धी भागो म प्राय भसम्य मयुष्व मिलव ह 1 सभ्य, स्वस्थ ओर उनतिशोल मनुष्य
प्राय साधारण गम व समशीताण भाग मे पाय जाते है 1
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