भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बीकानेर का योगदान | Bharat Ke Swatantrata Sangram Men Bikaner Ka Yogadan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
466
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्य
बीकानेर के राठौड़ वंश को संक्षिप्त परिचय और
महाराजा गगासिह -
भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा सै विदेशियो के आक्रमणों ओर फिर समुद्री मार्ग
से फिरंगियों के आक्रमणों से आक्रांत भारत ने सदियों तक विदेशियों की अधीनता और
गुलामी की वेदना सही। मुस्लिम और फिरगी शासकों के अत्याचारों से मुक्त होने के
तिए देश की तरफ से अनवरत प्रयल होते रहे, उनका लेखा जोखा ही स्वतंत्रता प्राप्ति के
संघर्ष का इतिहास है।
प्रस्तुत पुस्तक की विषय-वस्तु उस काल से संवंध रखती है जव बीकानेर राज्य
में महाराजा गंगासिह (सन् 1887 से 1943) व उनके उत्तराधिकारी महाराजा
सादुलतिह (सन् 1943 से 1849) का शासने रहा ।
महाराजा गंगार्सिह बीकानेरीय राठौड़ राजवंश के इकीसवें नरेश थे। सभी
इतिहासकारों ने रांठौड़ों को कन्नौज से आना बताया है। कर्नल टॉड ने इन्हे इतिहास
प्रसिद्ध सजा जयचंद का वंशज माना है । वीकानैर राज्य की स्थापना राठौड़ वंश के
राव वीकाजी दारा सन् 1465 ई. मे की गई । राव वीका जोधपुर नरेश् राव जोधा के
कनिष्ठ पुत्र थे। महत्वाकांक्षी वीका ने अपने लिए नये राज्य की स्थापना का संकल्प
लेकर जोधपुर से 30 सितम्बर, 1465 को जांगल प्रदेश की और प्रस्थान
किया....भाटी और जाट जो इस भू-भाग में अधिक शक्तिशाली थे, उनको इसने खूब
छकाया.... 23 वर्ष के अथक परिश्रम से वीका नै इस रेतीते भाग मेँ अपनी धाक जमा
ती। अपनी व्यवस्था को स्थायी रूप देने के लिए उसने सन् 1488 मे वीकानेर नगर
की स्थापना की 1 2
सन् 1504 मेँ इसकी मृत्यु के वाद राव नारौजी, राव तूनकस व राव जैतसी
तक यह राज्य पूर्ण प्रभुत्तासम्पन्न रहा ! जैतसी के बाद सन् 1542 से 1574 तक राव
कल्याणमल का शासन रहा। इसके शासन की समात्ति के चार साल पूर्व तक का, अर्थात्
करीव एक शताद्दी का, राठौड़ी शासन का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली और शीौर्यपूर्ण
रहा। बीकानेर के स्वतंत्र राज्य की स्थापना के वाद वीका की शक्ति इतनी बढ़ गई थी
कि उदा, जो रायमल के द्वारा मेवाड़ से निकाल दिया गया था, वीका की शरण में आकर
1. डँ गोपीनाथ शर्मा कृत राजस्थान का इतिहास, पृष्ठ 81
2. डॉ. गौरीशकर हीराचद ओझा कृत बीकानेर राज्य का इतिहास, भाग 1 पृष्ठ 100
बीकानेर के राठौड़ दश का सक्षिप्त परिचय और महाराजा गंगासिंह 15
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