राजस्थान के प्रेमाख्यान : परम्परा और प्रगति | Rajasthan Ke Premakhyan Parampara Aur Pragati
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
594
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)` वैदनौयता, काम २६८, सौन्दर्यं २७०, प्रेमी-प्रेमिका की सामीप्य
कामना २७१, . अनुभूतिनमुलक भानन्द की प्राप्ति २७२, प्र मत्व्
की प्रमुख कोटियाँ--शारीरिक अथवा मासल प्रम मानसिक
प्रम, कामशृन्य-प्रंम २७४, प्रेम तत्व का निरूपण २७४,
शारीरिक अथवा सासल प्रेम के विभिन्न स्तर २७५, मानसिक
प्रम २७८, स्वच्छद-पं म-व्यजना २७९, स्वच्छद प्रम व्यजनाके
विविध रूप २८१, विषम-प्रेम व्यजना २८२, सयोगात्मक प्रम
२८३, सामी प्रम व्यजना २८४ प्रपुरुषसे प्र म अथवा परकोय-
प्रम २८४ गरिका प्रम २८८, दाम्पत्यप्रम २८६ दाम्पत्य
प्रम की विविध प्रणाल्यां २८६, कमशून्य भाध्यात्मिके अथवा
दिव्य-प्रम-ग्यंजनां २९३, राजस्थानी प्र माख्यानों से प्रेम और
सौन्दयं २९६,
~
मध्याय ५ राजस्थानी प्रमास्यानों के पाञ्च
पात्रोका वर्गीकरणं ३०४, कथा मे अलौकिक पाच्नोकी सृष्टिका
प्रयोजन ३०६, अलौकिक दिंव्य पात्र ३०६ शकर-पावेती ३०६,
देवी ३०७, देवता ३०८, इन्द्र ३०९, यक्ष ३२०६, किन्नर ३०६,
गधवे ३१०, विद्याधर भौर विद्याधरिया ३१०, अप्सराये ३१०,
अन्य देव पात्रं ३११, कामदेव ३१२, नागक्रुमार ३१२, अदित्य
पात्र * दानव और राक्षस ३१२, भूत-प्रत ३१३, बेताल ३१३,
बावन वीर ३१४, व्यंतरी सिकोत्तरी एव खेस्वी ३१४, मानवेतर
पात्र ३१५, पथु-पात्र: वन्य पशु २१५, सामान्य सहायक पु ३१७,
मानवगुश वाले पशु ३१९, धर्मगाथा के पद ३२०, जादुई पशु
. रे२१, जल्चर ३२१, कीट-पतग ३२२, पक्षीपात्र ३२४, प्रकृति के
पात्र ३२८, देवी-दक्ति वाले मानव-पात्र ३२८, मानव-पात्र ३२६,
'पुरुष-पात्र ३३०, नायको की सामान्य चारिन्रिक विशेषताये
३३०, प्रतिनायक ३३७, प्रत्तिनायक पात्रो की चारित्रिक
विशेषत्ताये ` अमर सूमरा ३३८, सार्थवाह पुष्पदत ३३८,
सिद्धराज जोगी ३३८, रुद्रदत्त पुरोहित ३३६, सम्द्रगुप्त ३३६,
चण्ड प्रयोत्त ३३६, बादशाद् अलाउदीन ३४०, सहायक मित्र तथा
स्वामी सक्त सेवक : मंत्री मनकेसर ३४१, रतनसार ३४१, गोरा
- बादर ३४२. हसन खवास ३४३, राजा विक्रमादित्य ३४३, अन्य
पुरुष-पात्र ३४४, स्त्री-पात्र ३४४, नायिकाभो की सामान्य
User Reviews
No Reviews | Add Yours...