आर्चविशप की मृत्यु | Archabishap Ki Mrityu

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Archabishap Ki Mrityu by कुमारी बिला कैथर - Kumari Bila Maithar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पूवं कथा पीते है ? शौर आपके नये विकार उस जंगली भेसो, साप, विच्छ शरादिः बले देश मे वया पिपेंगे ? वहाँ वे खायेंगे क्या ? की “वे भेसे का मास तथा लाल मिचं खायेंगे और पियेंगे पानी । यह भी यहाँ उन्हे वडी कल्निाई से मिलेगा । उनका जीवन कोई श्राराम का जीवनं नही होगा, प्रभुवर । वहं देश उनके यौवन तथा शक्ति को ठीक उसी प्रकार सुखा देगा, जिस प्रकार वहु वर्पाके पानी को सुखा देता है । उन्हे प्रत्येक त्याग के लिये तैयार रहना पडेगा, समव है कि उन्हे गहीद भी होना पडे । अभी पिदधे ही वषं सन फरनैडजद ताग्रो के रेड ईइरिडथनो ने श्रमेरिकन गवर्नर तथा श्रन्य लगभग एक दर्जन श्वेत व्यक्तियों की हत्या कर डाली तथा उनकी खोपडी का चमडा उतार लिया । उन्होंने अपने पादरी की हत्या नही की, क्योकि वह्‌ विद्रोह का नेता था ओर उसने स्वय ही इस हत्पाकाड करी योजना वनायी थी । यह्‌ है न्यू मेक्सिको की वत्तंमान दशा 1 “म्रापका उम्मेदवार इस समय कहाँ है, फादर ? “ वहु मेरे ही अरधिकारक्ेवमे लेक ग्रोटैरियो के किनारे एक पादरी है । मैने नौ वर्पो तक उसके काम को भली प्रकार देखा है । उसक्री श्रवस्या इस समय केवल पतीस वषं की है । धार्मिक शिक्षालय से निकलकर वह सीधे हमारे ही यहाँ श्राया ।”” “श्र उसका नाम कया है ?”” “जीन मेरी लातूर ।” मेरिया द ग्रलादे भ्रपनी कुर्सी पर पीछे की श्रोर टिक गये श्रौर भ्रपने दोनो हाथो की श्रंपुलियो के छोरो को भ्रापस मे मिला कर उन्ही की श्रोर गौर से देखने लगे । “यह निश्चित है, फादर फेराड, कि रोस की धार्मिक समिति इस नये पद पर उसी व्यक्ति को नियुक्त करेगी, जिसकी सिफारिश वाल्टीमोर की कौसिल करेगी ।”” ११




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