जन्तु बिल कैसे बनाते है? | Jantu Bil Kaishe Banate Hain

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Jantu Bil Kaishe Banate Hain by धीरेन्द्र वर्मा - Dheerendra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्तनपोषी जन्तुओं के बिल... १३ है। सिर के पीछे से पूँद के आाधार तक पीठ पर एक काली पट्टी होती है । उसके पाश्वं मैं दोनों ओर उसके शरीर के स्वाभाविक रंग की पष्य होती हैँ । उनके नीचे फिर एक-एक काली पट्टी होती है। इसके नीचे श्वेत या धूमिल पीले रंग की पट्टी होती है । इसके. ` ः नीचे पुन: काली पट्टी होती है। अंतिम तीन पट्टियाँ थ तथा कटि प्रदेश पर -धँधली हो जाती हैं । इस प्रकार चिकचिकी या चिपमंक. गिलहरी की पीठ पर पोच काली तथादौ श्वेतया हल्की पीली पट्टियाँ होती हैं । चिकचिकी या चिपमंक गिल्तहरी का विवर एक पेचीदी रचना होती है। बह सदा किसी दीवाल, दक्ष या कगारे के नीचे बना . होता है। बिवर लगभग एक. गज तक घरातल के नीचे लम्बबत्‌ चिपमंक गिरुहरी बना होता है । फिर कुछ ङचाईे की दिशा मे अनेक टेद-मेहे मार्गो रूप में बना होता है । सख्य विवर से संलग्न अनेक उपविवर होते . है, अतएव उनमे से किसी से यह शत्र से वचकर भाग सकती है । केवल एक जन्तु ष्टोट ही एेसा होता दै जो हसक विवर की पेचीदगी मे नहीं भूलता ओर अपना लचीला शरीर उनके टेदेपन के अवुह्प ` घुमा-फिराकर भीतर प्रवेश पादी जाता है। वह जितनेचिपमंशं $




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