शब्दों का घूंघट | Shabdo Ka Ghunghat
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
758 KB
कुल पष्ठ :
172
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चचन बद्ध
भर पुनः लौटता हूं
प्रो मेरे निर्वन्ध सदसे श्रलग
मोगे हुए क्षण
तुम्हें यट्दी छोडता हूं ।
जाता हूं यह सोचकर
तुम्हारे पास पुनः लौट थ्राऊंगा ,
प्रगर कटी भर्य हीन प्रयास के
प्रवाह में वदने से बच पाऊगा ।
कभी कमी इस बीच
याद मुझे भाते रहना ,
वचन जो दिया है तुम्हें
उसे बताते रहना ,
धीरे से मेरे मन में
गुनगुनाते रहना ,
गीतों के साज को
हसके से वजातें रहना ।
- १६
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