द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ | Diwedi Abhinandan Granth

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Book Image : द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ  - Diwedi Abhinandan Granth

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विपय-सूचो विषय ५) (र) (3) ध) ५) (९ (७) दो (€) ५०) (१९) (१२) (१३) (४) ८५) (१६) (१७) ९५ (९६) ८९०) (२१) पूजन (कविता)- श्री सियारयामशरण गुप्त, चिरगाँव, साँसी ह रस-मीमांसा-डाक्टर मगषानदास, काशो न प संत कां वैन्नानिक अतुरीलन--धाचायं भोविघुरेखर भटराचायं शांतिनिकेठन, येलपुर संदेश (कविता)--श्रीमती तोरनदेवी धुक्त *लली,” लखनऊ मुसलमानों के पहले की राजपूत-चित्रणकला-वियामदेदषि श्री काशीप्रसाद जायसवाल, म॑० ए०, वारिस्टर-ण्ट-ला, पटना = ८८. बेद 'और वह्ठियुग--श्री रुद्रदेवशास्री, वेदशिरोमणि, दर्शनालैकार, काशो-विद्यापोठ घातक (कविता)--राय कृष्णदास श भारतीय इतिहास में राजपूर्वा फे इतिदास का महत््व-मदहायज-कुमार रघुवीरसिंद बी ० ए०, एल-एल० बी०, सीतामऊ „“ क जीवन-फूल--श्रीमती सुभद्रादेवी चौहान, जबलपुर... सूरदास का काव्य और सिद्धांत--श्री नलिनीमाइन सान्याल, एम० ए०, सापानतत्व-रन्न, नदिया (बंगाल) क १४ आरतीय वाङ्मय के अमर रलन~-श्री जयद्र विदलं कार प्रयाप „“. लारी (कविता)--श्री मैथिलीशरण शुप्त, चिरगाँव, कासी 'आार्य कालफ--श्रो मुनि, फल्याणविजय, उदयपुर पुरुपार्थ-मद्दामहपाध्याय श्री गिरिघर शर्मा चतुर्वेदी, जयपुर जन्ममृत्यु फे श्चनुपाच मे भारत वथा सं्तार के धन्य देश-प्रोफेषर विनयकुमार सरकार उनसे (कविता)--श्रीमती कुमारी “सत्य”, देहरादून अंगिरस 'झग्नि--श्री वासुदेवशरण अमवाल, एम० ए०, एल-एल वी०, सधुरा पर्दे के पीठे (कविता)- ध्र हरिकृष्ण श्रेमी, अजमेर कविवर ठङ्कर जगमेदनर्सिंह--पयवदादुर दी यज्ञा, बी ए०, कटनी-सुज्वाय सेवा (कविता)-प्रोफेखर शिकधार पडिय, एम० ए०, प्रयाग-विश्वविद्यालय साधारणोकरण शार व्यक्ति-वैचितरयवाद्--म्री रामचंद्र शुक्र, दिन्दू-विश्वविद्यालय, काशी छ २१ २९१ ३द ४३ ५७ ४५८ ६९ द १२० १३३ १३६ १२७ एर १४३ १८० ४८




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