श्री देवचन्द्र भाग २ | Shri Devchandar Bahg-2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
583
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ॐ अनमः
प्रस्तावना.
~~ =
महोपाध्याय भरीमट् देवचन्दरमदहाराज अने
तर्त पुस्तको.
ज्ञानदर्भनयारिि-यक्तस्पाप योभिने
क्नीमते रेवयन््राय, सेयनाय नमोनमः ॥ १ ॥
द्पातुयोगगीनार्यो, बरनाचारमपाटङ
रेवचन्द्रसमः साघ,रवाचीनों न हृदयते ॥ २ ॥
वाचररय महारागी, सर्पजेनीपकारक:
सैभ्रति परय सयन्थे,सच्पगोयः मनायते ॥३॥
आमोदारयएनं यरय, स्तदनेषु पटदपते
निमिधतापनपाना, पएणशानितमदापडम ॥ ४ ॥
अनन्द्नमीनाये-परस्नपनप्रसरः
राय्ठेससरतरेतरय, समःदोइपिनयोशिराद ॥ ५ ॥
आत्मामापनररारी, शारो वानविहाररान्
स्कूमरारपयो्ार्नाने€पेनि रखना ॥।६॥
सिदानरररश्य सो, सथतरगिततेररः
माप्वरणपेयरपमयिततनस निरे नमोनमः ॥७॥
एवमेषा सि, मेद्रररेद भाल्दे
लदरोष प्म, गरेर सरदकः +< ॥
इ क
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