भजन संग्रह भाग - 4 | Bhajan Sangrah Bhag - 4
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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भजन पृष्ठ-संख्या
मद्साते मगरूर वे न १०७
महर्ठ फ़वारा होजके *** १०९
माणिक हीरा लाल * ११५१
यह दुनियाँ “बाज़िंद' ˆ“ ११२
या तन-रग-पतग = १११
रहते भाने छर सदा * १०८
राज-कचेरी मारे जे ˆ १०९
राम कहत ककि मादिं “ ११४
राम-नामको टट फवै ** ११२
सुंदर नारी संग *** १०४
सुन्दर पाई देह नेह कर न १०४
दरि-जन बैठा होय - “ ११७
होती जाके सीसपे ˆ“ १९०
हौं जाना कचु मीर नि,
वु्टेखाह
अबतो ज्ञाग सुसाफिर “ १२२
कद मिछसी मैं बिरहों *०* ११९
टक वृद कवन ०“ ११६१
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