साकेत : एक अध्ययन | Saket Ek Adhyayan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
271
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)साफेत फी फयावस्तु ७
दूपण-चघ 'झादि उपकथाएं उसने सूत्र रूप से शत्रु द्वारा (जिनको
फिसी व्यवसायी ने समाचार दिया था) कला हैं। फिर इसके
गे फी घटनाद्ों फा वणन लदमण-शक्ति तक, धनूमान साकेत
में ही करते हैं, 'पौर शेप युद्ध वशिछ्ठजी अपनी योग दृष्टि द्वारा
साफेत-वासियों को दिखलाते ऐं ! सूयंघंश के राजानो फी फीर्ति-
गाधा, दृश्षरथ राम-जन्म, जनक फा गृहस्य, बाललीला, ताढ़का-
वघ, प्रथम दर्शन, घनुपयन्त, छादि प्रारम्मिफ प्रसंगां फा सारुयान
उर्मिला स्वयं करती हैं । इस प्रकार सम्पूर्ण कथा फी. रंग-भूमि
साफेत दी रदती है । कवि वहीं उमिला की सेवा मे यासीन रहता _
&--घौर समस्त घटनाओं का समादार साकेत में दी दो जाता
है ! तः स्थान-पेक्य का साकेत फी. कथावस्तु में वदा. सफल
प्रयोग है जार साथ ही साः है वर साथ दी साकेत नाम भी. पूर्ण. रूप _से_ सार्थक
शता!
घटना-ऐफ्य :-- स्थान रेष से श्रधिकफ महत्वपृणं ह घटनाः
ज्र यदह जब्लकह
वरखु का एक मुख्य कार्य दो और सभी गौण कथाएँ उसकी _
व्यनुवर्तिनी हों--भर्थात् घात-प्रतिघात हारा उस मुख्य कार्य
के सम्पादन में सद्दायक हों । साकेत में इम यदि कार्य की 'ओर
दृष्टिपात करें तो उसे सद्दज ही ढूं ढ़ निकालना कठिन दोगा।
रामायण का मुख्य काये है रावण-बध, परन्तु व साफेत में भी
उसी स्थान का 'झधिकारी है, यदद मानने में 'झापत्ति द्ोगी क्योंफि
-साकेत का रंगष्यल द 'अयोध्या, 'और उर्मिला विरद दी उस उसकी .
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