बापू के तीन हत्यारे | Bapu Ke Teen Hatyare

Book Image : बापू के तीन हत्यारे  - Bapu Ke Teen Hatyare

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1 ९७ महीं कहा जा सकता, पर इस आलोचना को अलग सै प्रकादित करवाने के लिये मुझे इस उतावलेपन का क्यों सहारा लेना पड़ा, उन श्रमिक परिस्थितियों की वाध्यता के इतिहास की कथा इस प्रकार हैं -- तेजपाल हमारी जसवंत कॉलेज का बुक लिफ्टर है, कुछ अधिक जान पह्टिचान होने के कारण, एेसी-वैसी हलकी वाते मी कर जाया करता है जो साधारण स्थिति, में दूसरे विद्याथियों से नहीं कर पाता । एक दिन दोपहर को में बौर सत्यप्रकाय खादी के फूल, सूत की माला मौर रक्तचंदन साय वैठे-वैठें पढ़ रहे थे । पढ़ तो क्या रहे थे उन्हें इधर-उधर से थों ही देख रहे थे, कि इस वीच में वह हम योनो के पास आकर खड़ा हो गया, पास बाते दही विना किसी विलम्व के कहने लया--शरे यार ! तुमने भी छाट-छाँट कर किताबें निकाली हैं । माफ कीजिये, मेरी समझ तो एक चपरासी की समझ हैँ, पर साफ कहूँगा कि ये तीनों किताबें यदि रंही के भाव भी खरीदी जाँय तो भी महंगी हैं । वह तो इस तरह अपना काम पुरा करके चला गया, पर हमने और मी अधिक उत्सुकत्ता भरी जिश्ासा के साथ उन कितायों को पढ़ना गारम्‌ कर दिया । प्रह्येक किताब के एक-एक पत्ने की तीन-तीन, चार-चार पंक्तियां पढ़ते रहे, गौर हंसते रहे, पन्ने उलटते रदे । ५ पसि के तड्को ने निदचय स्प से समन्ना होगा कि कोई हास्य-रस की क्रितावें होगी । प्रर वास्तवमें वे कितार्वेनतो द्‌स्य-र्सकीर्थी, घौरन श्ंगार-रस की । उनका विपय था बापू--जीवित नहीं, मृत वापू ! उनकं मरने पर्‌ कचि ने कवि- तार्मोके खूपर्मे अपना येना रोया था, मीर हमें उनके रोने पर हँसी था रही थी ! अचानक जोशी नें प्रदन किया--अंच्छा विज्जी एक वात तो वतला दे कि इन तीनों किताबों में से कौन बधिक खराव हैं ? मेंने वापिस उसी से प्रदन किया--पद़ले तू ही बतलादे । उसने उत्तर दिया कि में चाहूं तो उसे व्यवहार गणित के सी सवाल भले ही दे दूँ, वह उनको जैसे-तैसे हल कर ही देगा, पर इस प्रदन का उत्तर देना उसके वा की चात नहीं हैं । मेरा जवाव था कि इनमें से कौन ज्यादा खराव है--यह प्रदन कुछ कठिन सा है; पर इनमें से जो सबसे मच्छी है, उसका नाम तो में एक सैकिंद में बतला सकता हू-कारण सहित !




User Reviews

  • epustaka_book

    at 2019-02-11 17:52:35
    Rated : 5 out of 10 stars.
    धन्यवाद आपका श्रीमान !
  • dpagrawal24

    at 2019-02-10 04:08:11
    Rated : 5 out of 10 stars.
    "सूचनाएं सम्मिलित करें. "
    इस पुस्तक के लेखक हैं श्री विजयदान देथा. यह आलोचना विधा की पुस्तक है.
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