सम्पूर्ण गांधी वाड्मय भाग - 1 | Sampurn Gandhi Wadmay Bhag - 1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सनह सामग्री एकत्र करनेके कामकी व्यवस्था करने भौर ग्रंथोंका सम्पादन करनेका कार्य एक प्रधान सम्पादकको सौंपा गया है। श्री भारतन्‌ कृमारप्पा | ३4५५५ त ॥ भवान सम्पादक नियुक्त किये गये थे। वादं वै परामशं-मण्डलके सदस्य अ दे 11 भौ नियुक्त कर दिये गये थे । उन्होंने, जून १९५७ में अपने देहान्तके समय ं र ~ ९ तक, अनन्य निष्ठाके साय काम किया था। जव पटला खण्ड छपनेके लिए * के द 1. जाने ही वाला था उस समय, उनके देहान्तके बाद, परामर्श-मण्डलने श्री † ~ न ४. जयरामदास दौलतरामकों प्रधान सम्पादक वननेके लिए आमन्त्रित किया, और उन्हें परामर्थ-मण्डलका सदस्य भी नियुक्त किया गया। सम्पादकोंकी एक टोली प्रधान सम्पादकको सहायता प्रदान करती है। उसके सदस्य ये हैं: श्री उल्लाल रत्नाकर राव, लेखोके किए; श्री रामचन्द्र कृष्ण प्रभु, भापणोंके लिए; श्री पाण्डुरंग गणेश देशपाण्डे, पत्रोंके लिए; थी सीताचरण दीक्षित, हिन्दीके लिए; और श्री मनुभाई कल्याणजी देसाई तथा श्री रतिलाल मेहता, गुजरातीके लिए। = क; ५ ( ८ + ^ न हे ही ५५, > न ३१६६ # भ | ५५ १४ ५ ९ ¢ = = ६ 1 4 ४ ध. न ८ ~ (त र. ५. ५ > के र र ¢. = ननम. ~ न




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