आधुनिक पत्रकारकला | Aadhunik Patrakarakala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
254
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर - Ramkrishna Raghunath Khadilkar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| प्रस्तावनां २
शामिल हो गये । इधर चिरीष विपयाकी पचिकासयका प्रवशनं वद गणा
सै | सरकारी, सार्यजनिक्र संस्थार्थोका ओर बड़ी व्यापारिक कभ्पनियोका
जन-सम्पर्कका काम भी बढ़ा है । इस प्रकार पत्रकल्यका क्षेत्र अब
अति व्यापक दो गया है तथा तेजीसे और चढ़ता जा रहा है ।
भारतवपरमं मी पच्चकला वा पर्रकारीकै क्षेत्रमें तेजीसे उन्नति होती जा
रही है। इस देदाकी राजभाषा हिंन्दी घोषित हुई है, इसलिए! हिन्दी पत्र -
कारौका मचिप्य अति उज्ज्वल है । पर दिग्दीमें आज ऐसी कोई पुस्तक
_ नहीं हैं जी प्रकारीकी सब अंगों -प्ररबंगोसि पनकारकों पर्शिप्तित करा दे ।
यहाँ दीव्पिक उन्नति इतनी नहीं हुई है कि किसी अखबारके दफ्तरमों
जाकर पचकार ये सब बाते जान सके या सीख सके । इस दृष्टिसि भारतीय
पत्रकारी आधुनिक पाश्चास्य पंत्रकारीसे सी साल्से मी अधिक पिछड़ी
स पुरक धोदेमे यह दिखानेका प्रयत्न किया गया है कि पन्न
काके रएक वर्तमान क्षेमे क्या हो रहा है तथा बढ़नेवाले क्षेत्र किस
आर इंगित कर रहें है । इसमें हरएक कषेमका कैवल प्रारर्सिया परिचय
मिलेगा । पत्रकार वननैकै इच्छुक सुवर्कोकों मार्ग दिखासेका तथा
साधारण पाठककों पघकारकलाके जगतकी झांकी दिखानेका प्रयत्न भर
इसमें है । दृ्एक क्षेत्रका विस्तृत विवेचन करना इसवा लक्ष्य नहीं,
वरयोकि सामान्य आकास्यरकारकै एक अधमं एेसा करना असूम्मय है |
(ध
User Reviews
No Reviews | Add Yours...