पासणाहचरिउ | Paasanahchariu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26 MB
कुल पष्ठ :
537
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)` कडयकः कडवकः का विषय भूल अनुवाद
३ कनक्प्रम दारा चौदह पूरवौगो का अध्ययन । ५३ ` ३७
४. चौदह पूर्वागो में चस्तुभों की संख्या । ५३ स.
५ कनकप्रम कौ तपश्चर्या । ५५५ ३८
६ कनक्प्रम द्वारा सुनिधर्म का पाटन । ५४ ३८
७ कनकप्रम को द्वियो की प्राति । ५५ ३८
८ कनक्रप्रम का सरिवन मेँ प्रवेश । ५५५ ३९
९. सरिवन में स्थित पवत का वर्णन । ५६ ३९
१०. कनकप्रभ पर सिंह का आक्रमण | ५६ ३९
११ कनक्प्रम की मृत्यु तथा स्व प्राप्ति । ५५७ ०
१२. अनेक योनियों में उत्पन होन के पद्चात् कमठ का ब्राह्मण कु मँ जन्म । ५७ ४०
१३ कमर द्वारा तापसी के आश्रम मेँ प्रवेरा । ५८ ४०
१ राजा हयसेन क्रा वर्णन | ५९ ४१
२ वामदेवी का वर्णन । ५९, १
२ तीथेकर के गर्भ में आने की इन्द को सूचना । ६० ४१
४. इन्द्र की भाज्ञा से कुबेर द्वारा वाराणसी में रत्नबृष्टि । वामादेवीकी सेवा के,लिये
देवियों का आगमन । ६० २
५ देवियोँ द्वारा किये गये कार्यं । ६१ ४२
६ वामदेवं) के सोलह स्वप्न । ६१ ४२
७ वामदेवी द्वारा वाद्य-व्वनि का श्रवण । ६२ ४३
८. बामादेवी द्वारा स्वप्तों की हयसेन से चर्चा । ६२ ४३
९. स्वप्नों के फल पर् प्रकाश । ६३ ४३
१० कनकग्रभ का गर्भावतरण । ६३ ४२
११ तीथकर का जन्म । ६४ ४४
१२ इनदर दवारा तीर्थकर के जन्मोत्सव की तैयारी । ६४ ४४
१३ इन्द्र का वाराणसी के लिये प्रस्थान । ६५ ४४
१४ इन्द्र का वाराणसी में आगमन । ६५ ४५
१५ तीथकर कोरे कर इन्द्र का पाण्डुकरिला पर आगमन । ६६ ४५
१६ तीर्थकर के जन्माभिषेक का प्रारंभ । ६६ ४५
१७ सौ इन्द्रों का उछेख । | ६७ ४६
१८ देवों द्वारा मनाये मये उत्सव का वर्णेन । ६७ ४६,
१९ जन्माभिषेक का वणैन । ६८ ४६
२० जन्माभिषेक के उत्सव का वर्णन । ६८ ४७
२१ तीर्थकर का कर्णच्छेदन तथा नामकरण । ६९ ४७
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