पासणाहचरिउ | Paasanahchariu

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Paasanahchariu by प्रफुल्ल कुमार - Praphull Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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` कडयकः कडवकः का विषय भूल अनुवाद ३ कनक्प्रम दारा चौदह पूरवौगो का अध्ययन । ५३ ` ३७ ४. चौदह पूर्वागो में चस्तुभों की संख्या । ५३ स. ५ कनकप्रम कौ तपश्चर्या । ५५५ ३८ ६ कनक्प्रम द्वारा सुनिधर्म का पाटन । ५४ ३८ ७ कनकप्रम को द्वियो की प्राति । ५५ ३८ ८ कनक्रप्रम का सरिवन मेँ प्रवेश । ५५५ ३९ ९. सरिवन में स्थित पवत का वर्णन । ५६ ३९ १०. कनकप्रभ पर सिंह का आक्रमण | ५६ ३९ ११ कनक्प्रम की मृत्यु तथा स्व प्राप्ति । ५५७ ० १२. अनेक योनियों में उत्पन होन के पद्चात्‌ कमठ का ब्राह्मण कु मँ जन्म । ५७ ४० १३ कमर द्वारा तापसी के आश्रम मेँ प्रवेरा । ५८ ४० १ राजा हयसेन क्रा वर्णन | ५९ ४१ २ वामदेवी का वर्णन । ५९, १ २ तीथेकर के गर्भ में आने की इन्द को सूचना । ६० ४१ ४. इन्द्र की भाज्ञा से कुबेर द्वारा वाराणसी में रत्नबृष्टि । वामादेवीकी सेवा के,लिये देवियों का आगमन । ६० २ ५ देवियोँ द्वारा किये गये कार्यं । ६१ ४२ ६ वामदेवं) के सोलह स्वप्न । ६१ ४२ ७ वामदेवी द्वारा वाद्य-व्वनि का श्रवण । ६२ ४३ ८. बामादेवी द्वारा स्वप्तों की हयसेन से चर्चा । ६२ ४३ ९. स्वप्नों के फल पर्‌ प्रकाश । ६३ ४३ १० कनकग्रभ का गर्भावतरण । ६३ ४२ ११ तीथकर का जन्म । ६४ ४४ १२ इनदर दवारा तीर्थकर के जन्मोत्सव की तैयारी । ६४ ४४ १३ इन्द्र का वाराणसी के लिये प्रस्थान । ६५ ४४ १४ इन्द्र का वाराणसी में आगमन । ६५ ४५ १५ तीथकर कोरे कर इन्द्र का पाण्डुकरिला पर आगमन । ६६ ४५ १६ तीर्थकर के जन्माभिषेक का प्रारंभ । ६६ ४५ १७ सौ इन्द्रों का उछेख । | ६७ ४६ १८ देवों द्वारा मनाये मये उत्सव का वर्णेन । ६७ ४६, १९ जन्माभिषेक का वणैन । ६८ ४६ २० जन्माभिषेक के उत्सव का वर्णन । ६८ ४७ २१ तीर्थकर का कर्णच्छेदन तथा नामकरण । ६९ ४७




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