अष्टाचक्रा अयोध्या : इतिहास और परम्परा | Astachakra Ayodhya Itihas Aur Parampra

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Book Image : अष्टाचक्रा अयोध्या : इतिहास और परम्परा  - Astachakra Ayodhya Itihas Aur Parampra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूमिका 15 महाभारत और पुराणों मे भारतवर्ष के प्राचीन चक्रवर्ती राजाओं का विशेष इतिहास वर्णित है। जैन धर्म मे भी चक्रवर्ती राज्य कौ अवधारणा के अनुसार ही जैन भूगोल कौ मान्यताएं स्थापित कौ गई हैँ तथा भरत, सगर आदि महान्‌ चक्रवतीं राजाओं के पौराणिक आख्यान महामण्डित किए गए हैं। उधर बौद्ध तिपटकों में भी समस्त *जम्बूदीप' के भूगोल को एक “चकक्‍्कवत्ती' (चक्रवर्ती) राजा का शासन प्रदेश माना गया है। भगवान्‌ बुद्ध ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि वे अपने एक पूर्वजन्म मे समस्त जम्बुद्वीप पर शासन करने वाले “ चक्रवर्ती राजा रहे थे। दरअसल, ' अष्टाचक्रा अयोध्या ' भारत के चक्रवती राजदर्शन कौ ही एक मूर्तं अवधारणा नहीं हे बल्कि सूर्योपासक वैदिक कालीन आर्यो के राजनैतिक दर्शन को पारिभाषित करने वाली वैदिक शब्दावली भी है। वैदिक आर्यो कौ दृष्टि से सूर्यं राजनैतिक धरातल पर पराक्रम ओर तेजस्विता का प्रतीक माना गया हे। प्रनाजनो कं भरण-पोषण ओर राजा द्वार कर-सग्रहण कौ वैदिक कालीन मान्यताए भी सूर्यं से जुडी हुई हे। यही कारण है कि वैदिक संहिताओ मे सम्पूर्ण विश्व का भरण-पोषण करने वाले सूर्य को ' भरत' कौ सज्ञा दी गईं है तथा इसी ' भरत ' संज्ञ के कारण सूर्यवंशी आर्यं ' भरतगण' कहलाए्‌ ओर उनसे अनुशासित प्रजा को * भारतजन' कौ सज्ञा प्राप्त हुई। अयोध्या सस्कृति के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र अथवा राज्य कौ भारतीय अवधारणा का मूल विचार प्रजा को गुलाम बनाकर रखने या उस पर प्रभुत्व स्थापित करने का विचार नही बल्कि भरण-पोषण कौ मूल शक्ति सूर्य से तादात्म्य स्थापित करने की एक वेक्ञानिक अवधारणा हे। पश्चिमी विद्राना ने ` भरत शब्द कौ व्युत्पत्ति बर्बर' शब्द से जोडकर ' भारतराष्ट्‌' कौ छवि को विकृत करने का प्रयास किया है तथा मध्यकालीन योरोपौय विचारो को भारतीय इतिहास पर थोपने का एक कूटनीतिक षड्यत्र भी रचा है। पर अयोध्या कं सूर्यवंशी भरत राजाओ का आद्य इतिहास पश्चिम कौ इन उपनिवेशवादी राजनैतिक मान्यताओं को खारिज कर देता है। सिद्धात रूप से चक्रवर्ती राज्य की अवधारणा का मूल अखण्ड राष्ट्र अथवा यह कहना चाहिए कि अखण्ड जम्बूदीप की भौगोलिक तथा राजनैतिक अस्मिता से उभरा विचार है। यह अवधारणा मध्यकालीन योरोप के जातिवादी ओर नस्लवादी विचारो से प्रेरित होकर अधीनस्थ




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