वी आई पी | V I P
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
78
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वौ० माई० पौ° || १७
फिर मेरी तरफ बेंगुली उठा कर बोले--'माई डियर लवली यंग र्य, तुम
हारोगे तो कया दोगे ?”
“एक बोतल किंग ऑफ किंग्स |”
(सवली, सवती ।*
द्रोपदी को दाँव पर लगा कर पांडवगण जुआ खेलने बैठे थे, और उस दिन शाम
को बंगलौर में उस गन्दे-ुत्सित बिग के हाथों से, कुछ न सदी, पर एक रात के लिए,
अपरिचिता एक एंग्लो इंडियन एयर होस्टेस को बचाने के लिए मैं शराब की बोतल
सामने रख कर वैठा । चारों तरफ वी# आई० पी० पार्टी के अनेक लोग घेर कर खड़े
हो गए । मिस पार्कर भी आई थी ।
विग साहब हृसते-हंसते पाँच-सात्त पेग चढ़ा गए । लेकिन और दो-एक पेग के
बाद सिगरेट न जला सके । मैंने सिगरेट जला दी, पर मुंद से गिर गई। अच्छी तरह से
समभक रद था कि अब ज्यादा देर नहीं है । लक्षण शुभ देख मैंने बौर अधिक प्रेम जताते
हुए दुगने उत्साह के साथ विग साइब को पिलाना शुरू किया, लेकिन बहुत भागे बढ़ना
न पड़ा । हाप फा भिलाख रखते हुए साइव बीले--'जर्नलिस्ट, फ यु ढोण्ट माइण्ड, तो
जरा रेस्ट ले लेठा ।'
सर्टेन्लि।'
लेसे ही विग साहब कसी पर पसरे मिस्टर सोढनी ने दिक्लेयर किया, षी इव
फिनिण्ड 1
भीड़ छुंटने लगी । कुछ ही देर में सभी विदा हो गए । बेरे ने गिलास-बोतलें,
सजा-सेंवार, धो-पोंछ कर विदा लेने से पहले दो पेग स्ववाच मेरी मेज पर और रख
दिया 1 काफी समय तक प्रवीक्षा करे के वाद मुभे लगा, विग साहब का विश्राम-परवं
फल् सुद् के पहले खत्म न होगा । कुछ लोगों की सदद से उन्हें उठा कर, कमरे में सुला
भाया।
वि साहब के कमरे से अपने कमरे में जाने के रास्ते मे भरामदे मे देवा मिष
पार्कर छड़ी हैं । उन्हें देखें ही मैंने पूछा, 'इतवी रात गए आप यहाँ ?*
*मापकी ही प्रतीक्षा कर री हूं ।*
गबट ब्द्ाई ?' मैंने पूछा 1
जरा हंस कर मिस पाकर बोली, “आपने मुझे विग के अत्याचारों के हाथ से
लगातार दो दिन बचाया और इसके लिए मैं आपको धन्यवाद भी न हूँ ?”
जरा गम्भीर होते हुए मैं बोला--'आप तो काफी उदारतापूर्वक दूसरों की
मरशंसा कर सकती हैं । मैंने तो आपके लिये कुछ भी नहीं किया ।”
मिस्टर जर्नलिस्ट, यद्द सच है कि -आपकी तरह बुद्धि मुकमें.नद्दी है, फिर भी
मुझे जितना देववूफ समझ ष्टे है उतनी देवद मैं नहीं हूं १ जरा रुक/कर बोली--
देखिये, एंग्सो इण्डियंस में कलचर या ट्रेडिशंस का भुमाव रह-सकता है; लेकिन -सौमेसर
शान की कमी उनमें नहीं है 1!
, ९ समप
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