स्तवनावली | Stavanavali

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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म एटमप्रभू प्राण अघारोर । होजी मांने जिम जाणो तिम तारोरे । सांकडी, १ ॥ ससमादे पटराणी | प्र! तेम इने अरतयेरं ॥ प, २॥ जग सुख जाणएया कारमा । प्र, । लीनों संजम भारोर 1 ॥ पद ३ ॥ अजर अमर पढची लड़ । प्र, । सफल कियो अगता- रोरै ॥ पढ ४ ॥ सिवरमणीरा सायया ॥ प्र ॥ अप्रिचल प्रीत यघारोर ॥ पद ५ ॥ तुम माता तुम ही पिता) भ्र, । तुम दी भ्रात हमारोर ॥ पद ६ ॥ साना जात गुलामने । श्र, । जिम जाणो तिम त्तर 1 पट ७] जयुर माद जडावैरी । प्र. 1 पिनतदी अवधारोरें ॥ पद ८ ॥ पद ७ ॥ देसी रीडमलरी वाणारमी नगरी वाण । जी प्रभूजी । प्रतितैण राय, खजाण । हे राणी पोमपती माता तुमे वणी | हाए | देव निरजणोए । मय दुख भजणोए । सुपारमनाय स्राङ्डौ १॥ रूलियो में तो फाल अनंत | जी० । अजैयःन यो भय अत | है. म्र करने सनयुख गफ्ग्योए । हाएँ ॥ २1 तूही निरंजण दीनदयाल । जी । मेटो मारी भह नाल । दे सेपफ़ जाणोने । सरणे रापज्णेए । हए ॥ ३ ॥ हु नादि अघम यनाय जी । दुरल नाणी रापो निज साथ । हे च लामीने करम्यू' चाफरीए । हाएं चाफरीए । दाए ॥ ४ ॥ पार दशंण यवर न चाए ] ली ० | पुग भरम मिटाए । हे ल्द उतारे मोह मद जाररीए्‌ । इ!एे ॥ ५.॥ आतम प्रसुमै चिते समाध | जी० । दरशन चाछि ग्यानै श्रा । हे हृकम हुव तो दाजर दोवस्यू रे हादे । ६। म्ह सरीपा




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