स्तवनावली | Stavanavali
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)म
एटमप्रभू प्राण अघारोर । होजी मांने जिम जाणो तिम तारोरे ।
सांकडी, १ ॥ ससमादे पटराणी | प्र! तेम इने अरतयेरं
॥ प, २॥ जग सुख जाणएया कारमा । प्र, । लीनों संजम भारोर
1 ॥ पद ३ ॥ अजर अमर पढची लड़ । प्र, । सफल कियो अगता-
रोरै ॥ पढ ४ ॥ सिवरमणीरा सायया ॥ प्र ॥ अप्रिचल प्रीत
यघारोर ॥ पद ५ ॥ तुम माता तुम ही पिता) भ्र, । तुम दी भ्रात
हमारोर ॥ पद ६ ॥ साना जात गुलामने । श्र, । जिम जाणो
तिम त्तर 1 पट ७] जयुर माद जडावैरी । प्र. 1 पिनतदी
अवधारोरें ॥ पद ८ ॥
पद ७ ॥ देसी रीडमलरी
वाणारमी नगरी वाण । जी प्रभूजी । प्रतितैण राय,
खजाण । हे राणी पोमपती माता तुमे वणी | हाए | देव
निरजणोए । मय दुख भजणोए । सुपारमनाय स्राङ्डौ १॥
रूलियो में तो फाल अनंत | जी० । अजैयःन यो भय अत | है.
म्र करने सनयुख गफ्ग्योए । हाएँ ॥ २1 तूही निरंजण
दीनदयाल । जी । मेटो मारी भह नाल । दे सेपफ़ जाणोने ।
सरणे रापज्णेए । हए ॥ ३ ॥ हु नादि अघम यनाय जी ।
दुरल नाणी रापो निज साथ । हे च लामीने करम्यू' चाफरीए ।
हाएं चाफरीए । दाए ॥ ४ ॥ पार दशंण यवर न चाए ] ली ० |
पुग भरम मिटाए । हे ल्द उतारे मोह मद जाररीए् । इ!एे
॥ ५.॥ आतम प्रसुमै चिते समाध | जी० । दरशन चाछि ग्यानै
श्रा । हे हृकम हुव तो दाजर दोवस्यू रे हादे । ६। म्ह सरीपा
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