जैन गायन रत्नाकर | Jain Gayan Ratnakar

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Jain Gayan Ratnakar by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ९५ ) ४ मोक्ष च्यार प्रकारे-- ज्ञान १ दर्शन ९ पारित्र ३ तप ४ १४ पन्दरमें बोले आत्मा आठ-- द्रच्यआत्मा १ कपाय आत्मा ९ योग आत्मा ३ उपयोग आत्मा ४ ज्ञान आत्मा ५ दन आत्मा ६ सारिन्र आत्मा ७ चीयं आत्मा ८ १६ सोलमें बोले दण्डक चोवीस-- १ सात नारकियां को एक दण्डक १० दरा दण्डक भवनयतिका-- अखुरकुमार १. नागकुमार २' सोचन कुमार ३ विद्यत कुमार ४ अग्नि कुमार ५ दीपकमार ८ उदधि छुमार ७ दिसाकुमार ८ वायु कुमार £. स्तनित कुमार १० ५ पांच थावरक्ा पश्च दपडक-- | ण्थ्वीकाय १ अप्पकाय २ सेउकाय ३ वायुकाय ४ यनस्पतिकाय ५ १ चेइन्द्री को सतरमों १ तेइन्द्री को अठारमों १ चौइन्द्री को उगणीसमों १ तिर्यञ्च पंचेन््री क्ते बीसमों १ भतुष्य पेन्द्र क्ते दकटीखमो




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