जैनतत्त्वादर्श भाग २ | Jaintattvadarsh Bhag 2

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Jaintattvadarsh Bhag 2 by आत्माराम जी महाराज - Aatnaram Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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११ विषय भारति भौर मङ्गढदीवे की विधि कैसी श्रतिमा की पूजा करनी चाहिए ? द्रब्यपूजा की विशेषता पूजा का फल चार प्रकार का अचुष्ठान जिनमेदिर की सारसंभाक ज्ञान की आशातना जिनमंदिर की ८४ आशातना गुरु की ३३ आशातना अन्य आशातना देवादि सम्बन्धी द्रव्य का विचार शुरुवन्दन ओर प्रत्याख्यान शुरुविनय अथेंचिन्ता आजीविका के साधन व्यापार ओर व्यवहार नीत्ति चार प्रकार का कर्मफल देश्चान्तर में व्यापार धन का सदुपयोग देश्चादि विरुद्ध का याग २१८ २२९१ २२३ २२७६ २२५९ २३१ २३६ २३६३ २३९ २४१ २४६ ५ र्द ५८ २६६ २६६ २६८ २७द्‌ २५४




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