भारतीय दर्शन | Bhartiya Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
33.15 MB
कुल पष्ठ :
684
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डोक्टर राधाकृष्ण - Docter Radhakrishn
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय-सूची श्दे
श्रेणियां : क्या उपनिषदों में बहुदेववाद है : अणु जीवात्मा : उपनिषदों का नीति-
दास्त्र : आदर्श का स्वरूप : सिद्धान्त के लिए आध्यात्मिक-
विद्या द्वारा समर्थन : नैतिक जीवन : इसकी सामान्य विश्ेपताएं : वैराग्य :
बुद्धिवाद : ज्ञान, कम॑ और उपासना : नैतिकता और धर्म : भले और बुरे से परे :
उपनिषदों का धर्म : विभिन्न व्यवस्थाएं : मुक्ति की उच्चतम अवस्था : इसकी
उपनिषदों में अस्पष्ट व्याख्या : बुराई : दुःख : कम : इसका महत्त्व : स्वातन्त्र्य की
समस्या : भविष्य जीवन एवं अमरत्व : उपनिषदों का मनोविज्ञान : उपनिषदों में
अ-वेदान्त प्रवृत्तियां : सांख्य : योग : न्याय : उपनिषदों के विचार का सामान्य
मूल्यांकन : महाकाव्य की दिशा में संक्रमण
द्वितीय भाग
महाकाब्य काल
पांचवां ध्रध्याय
भौतिकवाद र४£-र२६२
महाकाव्य काल ६०० वर्ष ईसा पुर्व से २०० वर्ष ईसा पश्चात् तक : बौद्धिक
हलचल : विचार-स्वातन्त्य : उपनिषदों का प्रभाव : उस काल की राजनैतिक
परिस्थितियां : महाकाव्य काल की बहुपक्षीय दा निक हलचल : नैतिक विद्रोह की
तीन मुख्य प्रवृत्तियां, धारमिक पूरननिर्माण और क्रमबद्ध दर्शन : युग के साधारण
विचार : भौतिकवाद : इसके पूर्वेवर्ती : लोकायत : ज्ञान का सिद्धान्त : प्रकृति
एकमात्र यथाधथ सत्ता : देह और मन : कोई भविष्य जीवन नहीं : ईइवर के अस्तित्व
का निषेध : आनन्दमार्शियों का नीतिशास्त्र : वेदों की प्रामाणिकता का विरोध :
सिद्धान्त का असर : भौतिकवाद की अर्वाचीन समीक्षा
छुठा श्रध्याय
जेनियों का अनेकान्तवादी यथार्थवाद २६३-३१२
जेनमत : च्घ॑ंमान का जीवन : इवेताम्बरों एवं दिगम्बरों में विभाजन : साहित्य :
बोद्धमत से सम्बन्ध : सांख्यदर्शन और उपनिपदें : जेनियों का तकंशास्त्र : ज्ञान के
पांच प्रकार : न्याय और उनके विभाग : सप्तभंगी : जैनमत के ज्ञान सिद्धान्त की
समीक्षा : इसके अद्तपरक संवेत : जेनियों के मनोविज्ञान-सम्बन्धी विचार :
आत्मा : देह और मन : जेनमत की अध्यात्मविद्या : पदाथं और उसके गुण : जीव
एवं अजीव : आकाश, धर्म और अधमे : काल : प्रकृति : परमाणुवाद : कमें : लेश्य :
जीव और उनकी श्रेणियां : जैन नीतिशास्त्र : मानवीय स्वातन्त््य : जेनमत और
User Reviews
No Reviews | Add Yours...