बूंदी राज्य का इतिहास | Bundi Rajya Ka Itihas

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Bundi Rajya Ka Itihas by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वून्दी राज्य १ मूल पुरुप चहुवान का श्रर्तिकुण्ड से प्रकट होना दिखाया गया हैं. जिनके दोनों हाथो मे तीर कमान व धनुप दिखाई देते है । इन सबके उपर वून्दी की प्रसिद्ध कटारी का चित्र हैं । श्री चहवान के दोनो श्रोर दो गायो का चित्र है जिसका यह श्राणय है कि गायों की रक्षा के लिए श्री चहुवान ने श्रवतार लिया । ढात के नीचे राज्य का मूल सत्र “श्री रगेण भक्त जयति” अकित है | इसका तात्पर्य यह है कि श्री रगनाथजी ( विप्णणु ) के भक्त वून्दी नरेग की जय हो । रावराजा की श्राज्ञासे म त्री नियुक्त किए जाते थे । मुगल कालमे बून्दो का शासन भी मुगलो की तरह का रहा । राज्य में दीवान व मुसाहिव, फौजदार व किलेदार, रिसाला खजान्वी श्रादि उच्च पदाधिकारी होते थे । दौवान राज्य का मुख्य सत्री होता था जिसके पास वित्तीय तथा प्रादेशिक के श्रघिकार थे । फौजदार व किलेदार सेना तथा किले का श्रध्यक्ष होता था । यह पद किसी राजपूत को नहीं दिया जाता था । यह घाभाई के लिए पंद सुरक्षित रहता था । बख्यी हिसाव किताब की देखरेख करता था श्रौर रिसाला गासक के कुटम्व के खर्च का उत्तरदायी था । यह व्यवस्था भ्रग्रेजो के साथ सपक॑ होने तक चलती रही । १८५७ के वाद श्रग्रेजी सरकार ने जब देशी राज्यों में हस्तक्षेप कर उनके श्रान्तरिक गासन को कुछ उदारवादी तथा उनके स्वार्थेहित बनाने का प्रयत्न किया तो वून्दी की शासन व्यवस्था में भी थोड़ा परिवतन । महाराव-राजा की सहायता के लिए राज्य कौन्सिल होती थी जिसमे पाच सदस्य होते थे जो पाच विभागों के श्रध्यक्ष होते थे । राज्य-प्रवन्ध के लिए कुल राज्य १० तहसीलो मे विभक्त था जिनका प्रधान भ्रेघिकारी तहसीलदार होता था जिसका मुख्य कार्य लगान वसूल करने का होता था । वाद में उसे फौजदारी भ्रघिकार भी दे दिए गए थे । इनकी देखभाल और श्रपीलो को सुनने के लिए नाजिम होते थे। वून्दी में चार निजामते थी बघरूण, हीडोली पाटण श्रौर नेणवा ।* इन तहसीलदारो के नीचे पटवारी श्रौर शेहरो होते थे । राज्य मे न्याय प्रवन्घ के लिए एक पृथक्‌ वून्दी फौजदारी श्रौर दीवानी कानून ग्रन्थ था जो कि हिन्दू कानून पर श्राघारित था । राजधानी में कोतवाल * राजस्थान के निर्माण के वाद बून्दी कोटा डिविजन के श्रन्तगत एक जिला बना दिया गया है । इस जिले में ५ तहसीलें हैं, दून्दी, हिन्डोली, नेरपवा, पटवा व तालेरा । ब्न्दी राज्य की तहसीलो को जोड-तोड कर बनाई गई । इन तहसीलो में क्रमश १३५, १३१, १६४, श्द५ व १४३ कुल गाव ७३६ हैं । इस जिले का कुल क्षेत्रफल २१७३ वर्ग मील है ।




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