विज्ञान परिषद का मुख - पत्र | Vigyan Parishad Ka Mukh - Patra

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Vigyan Parishad Ka Mukh - Patra by शिव प्रकाश - Shiv Prakash

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गली गोबर की खाद की एक इंच मोटी परत पूरी क्यारी में विछा दें फरवरी में गुलाब पुनः पुष्पत आरम्भ कर देता है । इसलिये मिट्टी को फिर से खाद की आवश्यकता पड़ती है।इस समय यदि आपक्यारी या गरमलों में तरन-खाद का उपयोग करें तो श्रेयस्कर रहता है। तरल-खाद के लिये आप एक मृद्दी नीम या सरसों की खली, एक छोटी मुद्दी यूरिया व दो बड़ी मुट्ठी गोबर की खाद को मिश्वित करें तथा इस मिश्रण को फिर एक वाल्टी में उपयुक्त मात्रा के पानी में घोल कर एक सप्ताह के लिये छोड़ दें । प्रायः एक किलो मिश्रण के लिये आठ लीटर पानी पर्याप्त रहता है। प्रत्येक पौधे को अब अन्दाज से एक लीटर मिश्रित तरल खाद दें। गमलों में उग रहें गुलाब के लिये तरल खाद अच्छे पोषक पदार्थ का काये करती है।मा्च माह में यदि कुछ मात्रा में रासायनिक खाद ই सर्के तो उचित रहता है। अप्रैल से सितम्बर तक क्यारी या गमलों में किसी प्रकार की खाद न दें। अक्टूबर माह में गुलाब के पृष्पन का मौसम फिर आरम्म होता है ग्रतः बताये गये क्रम में खाद दें । पानी कब ओर कितना दें : आम तौर पर लोग जसे ही क्यारी कौ मिरी कौ उपरी परत को सुखौ देखते हैं, पानी देने की उत्सुकता प्रकट करते हैं लेकिन ऐसा करने से पेड़ का विकास अवरुद्ध हो जाता है । इसकी जाँच आप क्यारी की मिट्टी को ? से 3 इल्च तक खोद कर कर सकती हैं। आप देखें कि मिट्टी में नमी है अथवा नहीं ? यदि इस सतह की मिट्टी पूर्ण रूप से गीली हो तो पानी कभी नहीं दें । प्रकटूबर से फरवरी तक के समय में क्यारियों की 12 से 15 दिनों के अन्तराल से पिलाई करनी चाहिये । पिलाई के दिनों पश्चात्‌ मिट्टी को ? से 3 इन्च॒ तक खोद करदो तीन दिनों तक धूप एवं हवा मे खला छोड़ देना (লিলাই) चाहिये । लेकिन ध्यान रहे कि पौधों की जड़ों को किसी भी प्रकार का घाव या नकसान न पहुंचे । गमलो में पानी 3 से 4 दिनों के समयान्तर में देना उचित 16 ©) विज्ञान रहता है। गमले की मिट्टी की भी पिलाई के चौथे या पांचवे रोज निलाई करनी श्रेयस्कर रहती है। मानसुन अर्थात्‌ बारिश में क्यारी की पिलाई न करें। मानसून में कटाई छुंटाई के बाद एक माह क्‍्यारी में विल्कूल पानी न दें । गर्मीके मौर्य मे प्रतिदिन क्यारी पर फव्वारे से पानी की हल्की बौछार देना पत्तियों व पौधों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहता है। पानी की हल्की बौछार से वह जमीन की मोतरी सतह तक' नहीं पहुंच पाता है जिससे जड़ सरलता से अपना जीवन निर्वाह कर सकती हैं । पोधे को धूप कितनी और कब दें : धूप पौधे के के भोजन निर्माण का प्रमुख स्रोत है। कलम लगाने के पश्चात्‌ क्यारी को धूप से बचाना चाहिये | यदि कलम को गमले में स्थानान्तरित किया है तो उसे भी छांयादार पेड़ के नीचे रख दें। अ्रप्रल मई की गर्मी एवं लू से गमलों को अवश्य बचाव | ग्रतः एेसी स्थिति में गमलों को पोर्च या छायादार पेड़ के नीचे रख दें । पौधों की कृन्तन या छुंटा।ई : अधिक पुष्पन के लिये पौधों की शाखाओ्रों एवं जड़ों की छुंटाई को कृन्तन या प्रुनिंग कहते हैं । बरसात ऋतु में पौधे अधिक शाखित हो जाते हैं फलतः मुख्य तने की वृद्धि प्रायः समाप्त हो जाती है। इस कुप्रमाव को रोकने के लिये कमजोर एवं सूखी शाखाओ्रों की कटाई छंटाई करना आवश्यक होता है । प्रुनिग से पौधे सुन्दर एवं सुडौल होते हैं । प्रनिग प्रायः 10 से 15 अक्टूबर के मध्य की जाती है । बरसात के मौसम में क्यारी में उगने वाले श्रनचाहे पौधों की भी जड़- सहित कटाई कर देनी चाहिये । फोलियर स्प्रे: गुलाब की कलियाँ न निकलने के पर्वं চীলিঘব কস कर देना चाहिये । यह स्प्रे फोलियर फीड, जो कि बाजार में बना बनाया मिलता हैः से किया जाता है | यदि फीड बाजार में उपलब्ध न हो तो आप स्वयं 5 लीटर पानी में प्रत्येक 0.5 ग्राम यूरिया एवं पोटेशियम डाइहाइड्रोजिन फास्फेट को मिलाकर घोल तैयार कर (शेष पृष्ठ 12 पर) (2 मार्च 1978




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