उत्तरी भारत मै मुस्लिम समाज | Uttari Bharat Me Muslim Samaj

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : उत्तरी भारत मै मुस्लिम समाज  - Uttari Bharat Me Muslim Samaj

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about के. एम. मिश्रा - K. M. Mishra

Add Infomation AboutK. M. Mishra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श ऐतिहासिक पृष्ठभूमि मर इस्लाम तथा उसका भारत में प्रागमन हज़रत मुहम्मद के झरय में श्रवतरित होने से पूर्व मवका सूतिपूजा का पेन था जिसके एक विशाल मस्दिर में महान देवता होवाल तथा श्रस्य मरतियों के चतुदिक बर्ष वे प्रत्येव दिवस को समपित ३६० देव विग्रह विद्यमान थे । प्रसव लोग बहाँ काले पापाण-खण्ड को जो लोकविश्वास के झमुसार झाकाश से गिरा था चूमने के लिए तथा एक श्रदोध्य ढग से पूजा करने के लिए एकत्र होते थे । वे वहाँ पशुवलि तथा नरबलि चढाते थे । सामाजिक रूप से वे शरे-बबर लोग थे जो मयपान तथा भन्य श्रम दुसवारों मे ग्रस्त थे । उनके समाज में भ्नेव सनैतिव आचरण प्रचलित थे3 जघन्य श्रपराघ भी समाज की झ्तरात्मा को बिना ठेस पहुँचाएं किए जा सकते थे । राजनतिव रूप से स्थिति भराजक्तापूर्ण थी देश मे कंबीलों का राज्य था जो परस्पर लड़ते रहते थे तथा अपने सरदारों को बार-बार बदलते रहते थे । वस्तुत किसी प्रकार का कोई नियम व्यवस्था झ्रथवा नागरिक सुरक्षा सुलभ नहीं थी । पैगम्बर के झागमन ने एक नवीन युग का सूत्रपात किया । उनकी समस्याएं मिषिध थी--घाभिक सामाजिक तथा राजनैतिक । महान पुनरुद्धारक का वास्ता ऐसे श्र अबर लोगो से पडारं जिन्हे कोई तकें प्रभावित नहीं कर सकता था । उनके समक्ष बौद्धिक झनुवन्ध प्रस्तुत करना भैंस वे झागे बीन बजाना था। धत पैगम्बर ने बडी बुद्धिम्ता से झपनी शिक्षात्रों को तक अथवा देशेन शास्त्र पर १. सम्पद लमीर अली द स्पिरिर आँव इस्लाम लल्न १६३५ प्रावर्थत व रे. बही पूल 1४111 1 ३... मुदम्मद बत्ती ट्राइनेगन लॉव दे होली कुरान लाहौर १६३४ पुर 1 ४... सम्पद रमीर बसी १५1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now