शब्दों का इतिहास | Shabdo Ka Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.16 MB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शब्दों का इतिहास
में कटोप शब्द कानंतोप ही रहा हो और याद में धीरे थीरे
शीघ्रता, सुखनसुख, सततप्रयोग अथवा अज्ञान वश क'टोप
हो गया हो।
चौंवच्चा :--इसे चहवच्चा भी कहते हैं । इसका शुद्ध
रूप चाह बच्चा है। चाह बच्चा फारसी का शब्द है. ।
यह चाह और बच्चा दो शब्दों के मेल से बना है। चाह का
अर्थ है. छुंड मर बच्चा का झर्थ है छोटा । अतः चाह बच्चा
का अर्थ हुआ छोटा झुंढड । यही कारण है कि छोटे से पानी
के कुंड को चाह बच्चा, चहवच्चा, चौवच्चा, झथवा चरदी
कहते हैं ।
सगहा :--का झर्थ है; पगवाला । श्रारंभ में इस शब्द का
प्रयोग उस रम्सी के लिए होता था जिससे जानवर के पैर
बांघे जाते थे, परंतु चाद में इसका शथं - विस्तार दो गया
और यह पैरों के अतिरिक्त गले सें वांधी ज्ञाने.वाली रस्सी के.
लिए भी प्रयुक्त होने लगा 1
कटरा :--यहद शब्द दो शब्दों के समिश्रण द्वारा निर्मित हुआ
है--काठक घर । काठ-घर की अथ है काठ का घर छाथवा
चह स्थान जहाँ काठ का घर हो । काठघर में अथम क के
पदचात् “श्र का लोप हुछा और कठघर वन गया ।
सुरदावाद तथा प्रयाग के क्ठघरं नामक मोह्लों में जहाँ
काठ के घर अर तक पाए जाते हैं, इसका प्रत्यक्ष अमाण है. ।
- बाद में संभवतः लकड़ी के झभाव अथवा दृदता आदि अन्य
'किसी कारण से लकड़ी का थोड़ा सा हिस्सा ही मकानों में
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