आधुनिक हिंदी का जीवनीपरक साहित्य | Adhunik Hindi Ka Jiwan Parik Sahitya

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Adhunik Hindi Ka Jiwan Parik Sahitya by शान्ति खन्ना - Shanti Khanna

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय-सूची प्रध्याय १. जीवनीपरक साहित्य में लेखक और उल्लेख्य के सम्बन्ध उल्लेख्य की महत्ता, जीवनी मे सम्बन्धित तत्वों का सयन और उनकी विशिष्टता, जीवनीपरक तथ्य झौर इतिहास की प्रवृत्तियाँ, जीवनीपरक तथ्यों की रचना, दी लिर्याँ ) प्रध्याय २. जीवमोीपरक साहित्य की विधाएं एव उनके अध्याय ३. श्रतबस्य (क ) जीवनीषरक साहित्य की विधा जीवनी, श्रात्मक्रथा, रेखाचित्र, सस्मरम्‌, पत्र और डायरी (ख) जीवनोपरक साहित्य रूपों के श्रतब्रन्ध आत्मकथा और जीवनी, भ्रात्मकथा प्रौर डायरी, ग्रात्मकथा श्रौर सस्मरण, रेखाचित्र और सस्मरण (ग) इन विधा द्वारा विश्विष्ट शलियों का झवधाररश (च) इन विधाश्नों में अन्य विधाओं का पारस्परिक सयोग तथा इनके श्रत्बन्ध नाटक, उपन्यास और जीवनी, जीवनी सस्मरण और भ्रात्सकथा, पत्र, रेन्वाचित्र तशा डायरी, नाटक, काव्य तथा गद्यगीत, रिपोर्ताज श्रौर पत्रकारिता जीवनो (१) परिमाषा (२) तस्व वर्ण्यविषय, चरित्रचित्रण, देदकास, उदेश्य, माषा- शली (२) विकास मारतेन्दुं युग, द्विवेदी युग, वर्तमानकाल १७-२७ रृ८धध-प८ ८ €~ १३०




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