परमोपयोगी वैद्यकग्रंथ | paramopyogi vedhyk granth

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paramopyogi vedhyk granth by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शिववाधसागर-शब्दकोप (१६); हरटा कल रटाशलटन मपाकिशएक एवं वायदा लयामालव पालकवकलनकक एन विए्रन इकेटफिकाटई अरक्ीशननघारदयम इपय संस्कृत, द्द्दी नारिकेठतिठ नारियलका छठ नागर सोंठ; सुठी नागार्जुनी गोरखदू्ी नागिनी नागखेठ नांडीहिंए, दिकामाली निश्ञा हलदी, जरद, चोवा निमला नि्मेछके फूल निंदूफठ मीठा निंदू नीछी लील नीलारंग आस्मानीरंग लाजवद नेज्वाला काठा खस पु पंचकोठ पिपली, पिपलीसूल, सॉंठि, चिन्रक, चब्य, पेंचक्षीरट वड,; यूछर, प्रीपठ, पारसपीपल, पाखर. एंचगब्य गोसूज, गोबर, गोदु- ग्ख, गादधि, गोघी पंचलवण सांभरनोन, सँंधानोन, सचरनोन, सामुद्र* नोन, विडनोन. पंचापलवण निमक लाहारी, निमक संग पच्चासृत . गोडुग्घ, दधि, थी; दाहद, झुकर, प्ंचाम्ठ . ' अम्लवेत, अमली, जंभीरी, निंडु, विजोरा. पा तेंजपात पथ्या . हर) हर पद्म कृमछ पृझावीज कम्गट्टा मराठी, खोवरल तठ सुठ दुधली नागवठ डिकेमाली दछद गुलनिवारीं साख़र निंवे नी आस्मांनी रंग कांढा वाच्य पिंपली, पिंपठीसुव् सूंठ, चव्य, चित्रक. वड, उबर, अश्वत्थ पायरी, प्लक्ष गोमून्, गोमय, गोदधि, गोडुग्घ, गोवृत, सांभर, सैघव; मीठ, संचछमीठ ५ सामुद्रमीठ, विंडलोण पजाबी मीठ गोडुग्व, दूद्दी, तूप; मं, साखर चुका, चिं्व, जंबवीर, निंछु, महाछुंग- तमालपत्र हिर्डा व्द्मव्ठ ' | कामलाक




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